बगहा: 0238 प्रजाती का गन्ना बुआई करने वाले किसानों की परेशानियां बढ़ गई है, क्योंकि रेड रॉट बीमारी से इस प्रजाती के गन्ने के रकबे में गिरावट आई है। रकबा घटने से किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।किसानों को नुकसान से बचने के लिए तिरुपति शुगर मिल प्रबंधन की ओर से किसानों को 0238 प्रजाती से दुरी बनाने की अपील की जा रही है। उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में भी इस प्रजाती पर किट का प्रकोप बढ़ता दिखाई दे रहा है।
हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, गन्ना प्रजनन केंद्र, करनाल के वैज्ञानिकों के द्वारा की गई जांच में भी 0238 गन्ने की प्रभेद में रेड रॉड नामक बीमारी फैलने की पुष्टि की गई है। तिरुपति शुगर मिल प्रबंधन के द्वारा इसकी जानकारी किसानों को दी जा रही है। स्थानीय किसानों का मानना है कि गन्ने की प्रभेद 0238 बंपर उत्पादन देने वाली किस्म है। किसान इस प्रजाती से प्रति एकड़ 300 क्विंटल गन्ने का उत्पादन भी प्राप्त कर चुके थे। ऐसे में यह प्रजाती किसानों के लिए काफी लाभदायक थी।
बगहा पर क्षेत्र में 0238 प्रजाती की बुआई लगभग 60,000 एकड़ में होती थी। यह प्रभेद एक और जहां किसानों के लिए अधिक उत्पादन देने वाला था तो दूसरी ओर चीनी की अधिकता भी में अधिक थी। वही इस पर प्रजाती में रेड रॉट नामक बीमारी से इसके बुआई का रकबा घटकर 20 हजार एकड़ तक सिमट गया है। हालाकि, मिल प्रबंधन की मनाही के बाद भी किसान दियारवर्ती क्षेत्र में इसकी खेती कर रहे हैं।