पटना : हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तरह बिहार में भी अभी तक गन्ना मूल्य निर्धारण नहीं हुआ है। लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा गन्ना मूल्य निर्धारण में हो रही देरी के चलते गन्ना किसान पुराने दर पर ही चीनी मिलों को गन्ना बेचने को मजबूर हैं। किसानों ने कहा की, बढती महंगाई में पुराने दरों से गन्ना खरीद के चलते उनका आर्थिक शोषण हो रहा है, और सरकार जल्द से जल्द इसमें दखल देना चाहिए।
आपको बता दे की, गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2021-22 में जिस मूल्य पर गन्ना की बिक्री की थी, उसी मूल्य पर वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में भी बिक्री करनी पड़ रही है। गन्ना उद्योग विभाग ने इस सीजन में विभाग के स्तर पर ही गन्ना मूल्य निर्धारण करने का फैसला लिया है। इससे पहले चीनी मिलर्स एसोसिएशन के साथ बैठक कर गन्ना मूल्य तय किया जाता था।