बगहा: अब तक जलजमाव वाले क्षेत्रों से किसानों को नुकसान ही होता आ रहा है, लेकिन इसके आगे ऐसा नहीं होगा। गन्ना अनुसंधान केंद्र, लखनऊ ने जलजमाव वाले क्षेत्रों के लिए क्लोन बीज बनाया है। इस बीज से किसानों को गन्ने की बंपर पैदावार मिल सकती है। हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, इसका ट्रायल स्थानीय तिरुपति शुगर मिल के फॉर्म पर किया जा रहा है। ट्रायल के बाद किसानों को क्लोन बीज उपलब्ध कराया जाएगा। इसको लेकर तिरुपति शुगर मिल व भारतीय गन्ना अनुसंधान केंद्र (लखनऊ) के बीच समझौता हुआ है। करार पर केंद्र के निदेशक डॉ. आर विश्वनाथन व तिरुपति शुगर्स लि. बगहा की ओर से चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना बीएन त्रिपाठी ने हस्ताक्षर किये हैं।
इस करार के अनुसार भारतीय गन्ना अनुसंधान केंद्र उन्नत किस्म के गन्ना बीजों पर ट्रायल करेगा। बगहा क्षेत्र की खेती की जमीन और भौगोलिक स्थिति का आकलन कर तैयार गन्ने का बीज तैयार करेगा। बीज का यह किस्म गन्ने की बेहतर फसल व चीनी के उत्पादन को बढ़ाएगा। तिरुपति सुगर्स मिल के केन महाप्रबंधक बीएन त्रिपाठी ने बताया कि, अनुसंधान केंद्र, बगहा की भौगोलिक स्थिति व यहां की जमीन को देखते हुए बीज तैयार कर रहा है। बीज तैयार होने के बाद इसे तीन वर्षों तक ट्रायल पर रखा जाएगा। ट्रायल के बाद किसानों को क्लोन के साथ उन्नत प्रभेद के आधा दर्जन से अधिक प्रकार के बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
बगहा चीनी मिल के प्रक्षेत्र पर अगले तीन वर्षों तक लगातार ट्रायल कर इस त्र के भौगोलिक स्थिति के अनुसार उपयोगी प्रजातियों का चयन किया जाएगा। ट्रायल सफल रहने पर गन्ना का बीज किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा। अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विश्वनाथन ने बताया कि शरदकालीन गन्ना बुआई के समय किसानों को उन्नतशील प्रजातियों का क्लोन बीज उपलब्ध कराया जाएगा। इन गन्ने बीजों का जलजमाव वाले क्षेत्रों में ट्रायल होगा व अच्छे परिणाम आने पर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवसर संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. संजीव कुमार, विभागाध्यक्ष फसल सुधार विभाग व डा. आशुतोष मल्ल के साथ चीनी मिल के महाप्रबंधक तकनीकी एके गुप्ता, पंकज ओझा, मुकेश यादव, एनपी सिंह, प्रशांत पाण्डेय, एसपी राय, पीयूष राव, जयप्रकाश गुप्ता आदि उपस्थित थे।