मुजफ्फरपुर : बिहार ने गन्ना, चीनी और एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास तेज कर दिए है। राज्य सरकार ने पिछले कुछ सालों से गन्ना खेती को बढ़ावा देने के लिए काफी सफल प्रयास किये है। अब राज्य सरकार ने अच्छे गन्ना बीज उत्पादन के लिए बीज उत्पादक किसानों को सब्सिडी देने का महत्वपूर्ण फैसला किया है। खासकर, मुजफ्फरपुर सहित आसपास के जिलों में गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए गन्ना विभाग ने एक दीर्घकालीन योजना बनाई है। इसे सहकारिता विभाग की सहायता से पूरा करने की तैयारी है। इसके तहत गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ गन्ना की बेहतर उपज देने वाली प्रजातियों के आधार बीज उत्पादन का भी प्रयास किया जाएगा।
हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, तिरहुत प्रमंडल सहायक निदेशक (शुगर केन) चक्रपाणि नारायण दामोदर ने बताया कि हाल में रीगा चीनी मिल फिर से चालू हुआ है। पड़ोसी जिलों में भी चीनी मिलें लगातार चल रही है। इसके अलावा खांडसारी (गुड़) उद्योग को भी प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, इसलिए गन्ना उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का जोर है। सरकार बेहतर प्रजातियों के आधार बीज का उत्पादन बढ़ाना चाहती है, और किसानों को प्रति हेक्टेयर आधार बीज के उत्पादन पर 60 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुदान की राशि गन्ना विभाग सहकारिता विभाग की मदद से देगा।
उन्होंने कहा कि, सीतामढ़ी के अलावा मुजफ्फरपुर व वैशाली जिले में भी इस योजना को विशेष तौर पर शामिल किया गया है। मुजफ्फरपुर में इस साल 1395.40 हेक्टेयर तो वैशाली में 52.02 हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई है। जिले में औराई, सकरा और मुरौल को छोड़ शेष सभी 13 प्रखंडों में गन्ने की खेती होती है। इसमें मोतीपुर, साहेबगंज, मीनापुर और कांटी में सबसे ज्यादा गन्ने की खेती होती है। वहीं वैशाली जिले के वैशाली, लालगंज और पातेपुर में भी इसकी उपज होती है। इसलिए इन जिलों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा गया है।