मधुबनी : पंडौल क्षेत्र में दो चीनी मिल के दशकों से बंद रहने से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। मिलें बंद होने से किसानों ने गन्ना फसल से दूरी बना ली है।दूसरी क्षेत्र का मिल बंद होने से लोगों के पास रोजगार नहीं बचा है। गन्ना किसानों को आज भी बंद पड़ी चीनी मिलें खुलने की आस है। इन दोनों चीनी मिल सकरी व लोहट के पास फॉर्म लैंड भी था जो अब बियाडा के अधीन है। सकरी चीनी मिल के पास 47 एकड़ जमीन है।बंद पड़े मिल के कलपुर्जा तक को चोरों ने बेच दिया है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, पिछले वर्ष एथेनॉल कि फैक्टी लगाने के लिए तत्कालीन उद्योग मंत्री सह क्षेत्रीय विधायक समीर कुमार महासेठ ने कंपनी के लोगों के साथ भूमि पूजन तक हो गया। अब कारखाने के कार्य रोक कर कंपनी लगाने वाले चले गए हैं।दोनों मिलों से जुड़े तीन हजार परिवार अब बेबस हुए है।30 वर्षों बाद भी रैयाम, सकरी व लोहट चीनी मिल नहीं चालू हो सका।