चीनी मिलों में पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ना रकबा सर्वे का कार्य शुरू हो गया है। सर्वे 20 अप्रैल से 30 जून तक चलेगा। इसके लिए कमिश्नर अनिल कुमार झा की ओर से गन्ना सर्वे नीति जारी कर दी गई है। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में जीपीएस सिस्टम का उपयोग होगा और जीपीएस-सक्षम हैंडहेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) से लैस एक टीम को खेतों में तैनात किया जाएगा।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गन्ना उद्योग विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है। प्रत्येक चीनी मिल के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। सर्वेक्षण परिणामों के आधार पर टोकन वितरण की व्यवस्था की जाएगी। सर्वेक्षण के दौरान, गन्ने की किस्म, रोपण के तरीके (ट्रेंच या इंटरक्रॉपिंग), और सिंचाई प्रथाओं जैसे विवरणों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
सर्वे के बाद राज्य की 13 चीनी मिलों का आच्छादन क्षेत्र और उत्पादन का आकलन किया जाएगा। विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार, इस बार सर्वे में विशेष सख्ती बरती जा रही है। विभाग के पदाधिकारी खेतों पर भी सर्वे देखने जाएंगे। हर शनिवार को वे समीक्षा करेंगे। सर्वे के समय किसानों द्वारा पूर्व में दिए गए घोषणापत्र का सत्यापन किया जाएगा।
गन्ना आयुक्त ने कहा है कि जो किसान घोषणापत्र उपलब्ध नहीं कराएंगे, उनका गन्ना आगामी पेराई सत्र में नहीं लिया जाएगा। किसान को भेजी जाएगी सूचना गन्ना सर्वेक्षण के लिए संयुक्त दल का गठन किया गया है। इस दल में चीनी मिल के कर्मियों के साथ सहायक निदेशक, गन्ना विकास उपनिदेशक और अन्य कर्मचारी होंगे। सर्वे टीम में उन्हीं कर्मचारियों को रखा गया है जो गन्ना सर्वेक्षण की पूरी जानकारी रखते हैं। सर्वेक्षण की सूचना संबंधित किसान को पहले से एसएमएस के जरिए देनी होगी। रकबे की जानकारी भी उन्हें दी जाएगी।