पटना: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में चीनी मिलों का मुद्दा जोर-शोर से उठा था, जिसके जरिए विभिन्न राजनीतिक दल वोट बटोरने की कोशिश कर रहे थे। अब चुनाव नतीजों के दो महीने बाद राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने फिर से इस मुद्दे को उठाया है।रविवार को किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि, वे अपने पूर्व गुरु हैं और केंद्र में सत्ता बनाए रखने के लिए भाजपा के उन पर निर्भर रहने के बावजूद राज्य को पर्याप्त लाभ पहुंचाने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, लोग बिहार के लिए विशेष दर्जे की बात कर रहे हैं। मैं पूछता हूं कि नीतीश कुमार 20 चीनी मिलों को बहाल करने के लिए दबाव क्यों नहीं बना पाए जो सालों से बंद पड़ी हैं? वे करीब 20 साल से सत्ता में हैं और उन्हें बर्बाद हुए अवसरों के लिए याद किया जाएगा। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए बिहार में चीनी मिलों के मुद्दे को उठाया था।इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दावा किया था कि मोदी सरकार बंद पड़ी 14 चीनी मिलों को फिर से चालू करने के लिए काम कर रही है।
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