रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को कहा कि, अधिशेष चावल उत्पादन को ध्यान में रखते हुए, जिसने मांग और आपूर्ति समीकरण के बीच असंतुलन पैदा किया है, जैव-इथेनॉल संयंत्र की स्थापना करना छत्तीसगढ़ में समय की आवश्यकता बनी है। बघेल रायपुर जिले के तुलसी-बारडेरा गांव में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, देश में खाद्यान्नों का अधिशेष उत्पादन है, जो तीन साल तक देशवासियों को खिला सकता है। इससे मांग के मुकाबले आपूर्ति में वृद्धि हुई है और किसान खुले बाजार में अपने धान की उपज को मामूली कीमत पर बेचने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने आगे कहा की हालांकि, राज्य सरकार किसानों को उनके धान के लिए 2500 रुपये प्रति क्विंटल कीमत प्रदान कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ में कृषि अब एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है। चावल से जैव-इथेनॉल का उत्पादन शुरू करना एक लाभदायक विकल्प हो सकता है, क्योंकि भारत सरकार विदेशी देश से उच्च मूल्य पर जैव ईंधन का आयात कर रही है। जैव-इथेनॉल उत्पादन से न केवल विदेशी धन की बचत होगी, बल्कि देश में कृषि क्षेत्र को भी पुनर्जीवित किया जा सकता है।
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