नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने 2028 तक वैश्विक तेल की मांग 5.9 मिलियन बैरल प्रतिदिन (mb/d) बढ़ने का अनुमान लगाया है। ईंधन आपूर्ति वृद्धि का 10% जैव ईंधन (एथेनॉल और बायोडीजल) से आएगा। आईईए ने अपनी ‘ऑयल 2023: एनालिसिस एंड फोरकास्ट टू 2028’ रिपोर्ट के अनुसार, जैव ईंधन का उत्पादन 2022 से 2028 तक लगभग 600 हजार बैरल प्रति दिन (केबी/डी) तक बढेगा। भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया द्वारा जैव ईंधन वृद्धि का 70% हिस्सा कवर किया जायेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि, वैश्विक ऊर्जा संकट ने ऊर्जा सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की तैनाती में तेजी लाई है।
2022 से 2028 तक उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में एथेनॉल और बायोडीजल की आपूर्ति में 30% की वृद्धि होगी, मुख्य रूप से चीनी, मक्का और ताड़ जैसे घरेलू फीडस्टॉक्स का उपयोग किया जायेगा।आईईए ने कहा, भारत 2025 तक अपने 20% एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ा रहा है।इंडोनेशिया में 35% बायोडीजल सम्मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्पादन बढाया जा रहा है, जबकि ब्राजील का 2026 के लिए 15% मिश्रण का लक्ष्य है।भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील यह सभी देश अतिरिक्त जैव ईंधन नीतियों पर विचार कर रहे है।इसके अलावा, अमेरिका, यूरोप और कनाडा जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में भी जैव ईंधन की मांग में वृद्धि हो रही है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि, जैव ईंधन जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और अंततः शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।भारत, ब्राजील और अमेरिका अन्य इच्छुक देशों के साथ ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं, जो भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।