लखनऊ: चीनी मंडी
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की एक चीनी मिल सहकारी समिति के सचिव और सदस्यों के साथ मारपीट करने के आरोप में बिसवां के भाजपा विधायक को उनके सहयोगियों पर केस दर्ज किया गया है। बिसवां में सहकारी समिति के सैकड़ों सदस्यों द्वारा सीतापुर जिला कलेक्ट्रेट पर विधायक के खिलाफ विरोध मार्च निकालने के बाद पुलिस ने गुरुवार को बिसवां विधायक महेंद्र सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआयआर दर्ज की।
चीनी मिल सहकारी समिति के सचिव राम प्रताप ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि, बिसवां विधायक महेंद्र सिंह के एक साथी नागेंद्र ने बुधवार को उन्हें फोन किया और एक आशीष यादव को रात की ड्यूटी सौंपने को कहा। प्रताप ने शिकायत में कहा, मैंने कहा कि मैं व्यस्त हु और इस संबंध में बाद में बात करूंगा, लेकिन नागेंद्र ने मुझे आधे घंटे के भीतर विधायक के कार्यालय पहुंचने और उनसे मिलने के लिए कहा। लगभग दोपहर 02 :30 बजे, नागेंद्र ने 20 आदमियों के साथ कार्यालय में प्रवेश किया, मुझे अपनी गर्दन पकड़कर घसीटा और फेंक दिया। उन्होंने ऑफिस में दूसरों के साथ भी मारपीट की। फिर वह मुझे उस विधायक के पास ले गया, जो सहकारी अध्यक्ष के पद पर बैठा था। विधायक ने मुझे थप्पड़ मारा और गालियाँ दीं। फिर उनके सहयोगियों ने मेरे साथ मारपीट की। मैं किसी तरह भागने में सफल रहा और लखनऊ जा रही एक बस में चढ़ गया। पूरी घटना सहकारी समिति कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे ने कैद कर ली।
सीतापुर के एसपी, एलआर कुमार ने बताया की, बिसवां विधायक महेंद्र सिंह, उनके सहयोगी नागेंद्र और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट, गलत तरीके से कारावास, धमकी देने के आरोप में एक प्राथमिकी (एफआयआर) दर्ज की गई है। हम सीसीटीवी को बदमाशों की पहचान करने के लिए स्कैन कर रहे हैं।भाजपा विधायक ने हालांकि सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि राम प्रताप के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। सिंह ने यह भी कहा कि, उन्हें उनके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा फंसाया जा रहा था और सीसीटीवी फुटेज में भी वे वहां नहीं हैं।
यह न्यूज़ सुनने के लिए इमेज के निचे के बटन को दबाये.