हैदराबाद: टिड्डियों के हमले की आशंका के चलते महाराष्ट्र से सटे सीमावर्ती जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। 25 जून से 6 जुलाई के बीच टिड्डियों के हमले की एक और लहर आने की आशंका जताई जा रही है। टिड्डियों के हमले से निपटने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा पांच सदस्यीय समिति को नियुक्त किया गया है। समिति ने सीमावर्ती जिलों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। राज्य कृषि विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक प्रो जयशंकर और एंटोमोलॉजिस्ट डॉ. एस.जे. रहमान ने सोमवार को बताया की, टिड्डीयां कभी-कभी राजस्थान से यू टर्न लेती हैं। टिड्डियों का नियमित रास्ता राजस्थान, मध्य प्रदेश और फिर महाराष्ट्र है। लेकीन टिड्डियों का झुंड उसके बाद छत्तीसगढ़ या तेलंगाना की ओर बढ़ सकता है। अगर टिड्डीयां हमारी ओर बढती हैं, तो फसलों का भारी नुकसान होगा।
रहमान ने कहा कि, मुख्यमंत्री ने एक कमेटी बनाकर और सीमावर्ती जिलों को अलर्ट करते हुए टिड्डियों से निपटने की पूरी तैयारी की हैं, जबकि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री तैयारी करने में विफल रहे हैं, उन्हें तेलंगाना द्वारा उठाए गए कदम उठाने चाहिए थे। आदिलाबाद और निर्मल जिले महाराष्ट्र के साथ अपनी सीमाएँ साझा करते हैं और समिति ने इन जिलों का दौरा किया और जिलों को सतर्क रहने के लिए कहा गया। इस बीच, CIPM (केंद्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन केंद्र) की समिति के एक अन्य सदस्य ने बताया कि, महाराष्ट्र की सीमा से सटे आदिलाबाद, कुमराम भीम आसिफाबाद, मंचेरियल, निजामाबाद, कामारेड्डी, निर्मल और जयशंकर भूपालपल्ली जिलों के जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है।
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