नई दिल्ली: ब्राजील के खान और ऊर्जा मंत्री एलेक्जेंडर सिलवीरा के इस साल के अंत में भारत आने की उम्मीद है। सिलवीरा के भारत के साथ गहरे ऊर्जा संबंधों को प्राथमिकता देने की संभावना है, विशेष रूप से जैव ईंधन और एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र पर ज्यादा फोकस रहने की उम्मीद है। भारत ने 2025 तक ईंधन में 20% एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा है। ब्राजील एथेनॉल मिश्रित ईंधन के दुनिया के सबसे उन्नत उत्पादकों में से एक है और इस पर भारत के साथ सहयोग बढ़ाने में रुचि रखता है।
लाइव मिंट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, भारत में ब्राजील के पूर्व राजदूत आंद्रे अरन्हा डी लागो ने एक साक्षात्कार में कहा की, मेरा मानना है कि 2025 तक एथेनॉल सम्मिश्रण के 20% लक्ष्य के पहले से ही भारत ने एथेनॉल के लिए एक बड़ा बाजार तैयार किया है। इसके अलावा, भारत पहले से ही दुनिया में कारों के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। अगला कदम दोनों पक्षों के ज्ञान और अनुभवों का गहन आदान-प्रदान है। यदि भारत और ब्राजील दोनों ही इस एथेनॉल परियोजना में खुद को शामिल करते हैं, तो हम विश्व स्तर पर एथेनॉल के बड़े बाजार को देख सकते हैं, क्योंकि भारत और ब्राजील ऐसे महत्वपूर्ण बाजार हैं, यह अन्य देशों को इस बाजार का हिस्सा बनने के लिए राजी कर सकते है।
ब्राजील भी एक प्रमुख तेल खिलाड़ी के रूप में उभरा है और आने वाले वर्षों में तेल का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक बनने की उम्मीद है। हाल के वर्षों में, भारत ने ब्राजील की ओर रुख किया है। सितंबर 2022 में, आईओसीएल ()IOCL ने OPEC आपूर्तिकर्ताओं पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए ब्राजील के तेल प्रमुख पेट्रोब्रास के साथ एक दीर्घकालिक कच्चे तेल का सौदा किया। भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सचिव पंकज जैन की ब्राजील यात्रा के दौरान पेट्रोब्रास के साथ 1.7 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। उसी महीने, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने भी पेट्रोब्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
डी लागो ने कहा, भारत इस विचार को स्वीकार करने वाले पहले देशों में से एक है कि ब्राजील तेल में एक प्रमुख खिलाड़ी है। चूंकि ब्राजील इस उद्योग में एक नया खिलाड़ी है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि भारत के साथ हमारे यथासंभव घनिष्ठ संबंध हों, जो एक प्रमुख तेल उपभोक्ता राष्ट्र है।