ब्राजील ने कहा कि, उसने भारत सरकार से चीनी सब्सिडी पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए भेजे गए पत्रों को भारत से पर्याप्त जानकारी प्राप्त करने में विफल होने के बाद डब्ल्यूटीओ में औपचारिक कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है।
साओ पाउलो : चीनी मंडी ब्राजील के व्यापार मंत्रालय ने कहा की, भारत सरकार ने गन्ना उत्पादकों और चीनी निर्यातकों को सब्सिडी देता है, ब्राजील सरकार ने इस सब्सिडी के संबंध में विश्व व्यापार संगठन में परामर्श को मंजूरी दे दी है । ब्राजील ने कहा कि, उसने चीनी नीतियों पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए भारत सरकार को भेजे गए पत्रों के जवाब में भारत द्वारा पर्याप्त जानकारी प्राप्त करने में विफल होने के बाद डब्ल्यूटीओ में औपचारिक कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है।
ब्राजील के व्यापार मंत्रालय ने मंगलवार को एक लिखित बयान में संदेह जताया कि, भारतीय घरेलू समर्थन (किसानों के लिए) और चीनी निर्यात के लिए इसकी सब्सिडी ने चीनी बाजार में कीमतों में गिरावट होने की सम्भावना और ब्राजील, चीन और थाईलैंड जैसे चीनी उत्पादन करनेवाले देशों में उत्पादन में कमी के संदर्भ में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। भारत मौजूदा वैश्विक चीनी फसल में दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक के रूप में ब्राजील को पार करने की उम्मीद है, जिसमें 33 मिलियन टन उत्पादन होगा जबकि ब्राजील का उत्पादन लगभग 10 मिलियन टन गिरकर 30 मिलियन टन हो जाएगा।
ब्राजील ने कहा कि, किसानों को गन्ने के लिए न्यूनतम कीमत की गारंटी देने की भारत की सरकार नीति ने चीनी उत्पादन में वृद्धि की है। इस नीति के साथ साथ चीनी परिवहन के लिए सब्सिडी के साथ मिलकर विदेशी बाजारों में अतिरिक्त चीनी उत्पादन भेजने की इजाजत दे रही है। सितंबर में न्यू यॉर्क में चीनी की कीमतें 10 साल की गिरावट आईं। तब से कीमतें थोड़ी सी रिकवर हुई हैं, लेकिन अभी भी ज्यादातर कंपनियों के लिए उत्पादन लागत को मुश्किल से कवर कर रही हैं। नतीजतन, ब्राजील के मिलों ने वर्तमान मौसम में अपने चीनी उत्पादन को तेजी से कम कर दिया, इसके बजाय गन्ने को इथेनॉल में बदल दिया ।