साओ पाउलो : ब्राजील के कई इलाकों को सूखे की मार पड़ी है, उसका सबसे जादा असर गन्ने के उत्पादन पर पड़नेवाला है, सूखे की वजह से ही देश मध्य-दक्षिण क्षेत्र में इस साल 2014-15 के बाद से सबसे कम गन्ना क्रशिंग होने की सम्भावना जताई जा रही है । 2014-15 में इस क्षेत्र में मिलों ने 571 मिलियन टन गन्ने का क्रशिंग किया था। ब्राजील के जर्नल कैना समाचार वेबसाइट के अनुसार, आईएनटीएल एफसीस्टोन के विश्लेषक जोआओ पाउलो बोटेल्हो का कहना है की, इस क्षेत्र की चीनी मिलें इस साल याने के 2018- 19 में 584 मिलियन टन गन्ना ही क्रशिंग कर सकेंगे, जो पिछले साल से 4% कम है।
गन्ने को सूखे की मार
मध्य-दक्षिण क्षेत्र में इस साल गन्ना फसल सूखे से प्रभावित हुई है, खासतौर पर साओ पाउलो राज्य में, जहां सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन होता है, वहाँ तो सुखे से हालत और भी बदतर हुए है । पराना, मातो ग्रोसो डो सुल, मिनस गेरिस और गोइअस के क्षेत्र भी सूखे से पीड़ित हैं, तो दूसरी और गोइआस और मिनस गेरिस में गन्ने का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने की सम्भावना जताई जा रही है । बोटेल्हो ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है की, ज्यादातर राज्यों में गन्ने की उत्पादन में इस साल गिरावट आएगी ” । एक खेत में बार बार गन्ने की ही पैदावार करना और फसल प्रबंधन में कम निवेश से गन्ने के उत्पादन में कमी आ रही है। बोटेल्हो ने कहा कि, अगर आने वाले हफ्तों में बारिश नहीं हुई तो सूखे की वजह से 2019-20 के सीजन में गन्ने के उत्पादन में और गिरावट देखि जा सकती है ।
इस साल अच्छी बारिश के संकेत
दिलासा देनेवाली बात यह है की, इस वर्ष एल नीनो के असर से साओ पाउलो राज्य के दक्षिण क्षेत्र और पराना में इस साल के अंत में अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है। रेनोवा बायो जैसे सरकारी कार्यक्रम का उद्देश्य, ब्राजील में जैव ईंधन के उत्पादन में वृद्धि करना है, पिछले कुछ सालों में ब्राजील का गन्ना उद्योग संकट से गुजर रहा है, जिसका प्रमुख कारण गन्ने की उत्पादन लागत में वृद्धि, सुखा या अन्य कारणों से उत्पादन में कमी और किसान की आय में हुई कमी है ।