रामनगर (बाराबंकी): बुढ़वल चीनी मिल की फिर से शुरू होने की चर्चा तेज हो गई है। रिपोर्ट्स के इसे पीपीपी मॉडल के जरिये शुरू करने का विचार है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, करीब 16 साल से बंद पड़ी बुढ़वल चीनी मिल का मुद्दा रामनगर इलाके में चुनावी जनसभा के दौरान क्षेत्र के किसानों ने योगी आदित्यनाथ के सामने उठाया था, जिसके बाद विशेष सचिव चीनी उद्योग ने बताया था कि पीपीपी मॉडल से चीनी मिल निजी हाथों में देकर शुरू कराई जाएगी।
अगर चीनी मिल शुरू हो जाती है तो गन्ना किसानों को इसका बहुत लाभ होगा। आपको बता दे, उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम की ओर से संचालित की जा रही बुढ़वल चीनी मिल 2007 में घाटे के चलते बंद हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुढ़वल गन्ना समिति में 7800 किसान पंजीकृत हैं। रामनगर क्षेत्र में लगभग 4500 हेक्टेयर में गन्ना बोया जाता था। क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगर यह सपना साकार हो गया तो इसके साथ ही लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। घाघरा के तराई क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना होगा।