नयी दिल्ली, 25 जुलाई, केन्द्र सरकार देश में चीनी आपूर्ति सुनिश्चित कर आमजन को सस्ती दर पर चीनी उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। इसी क्रम में चीनी आयात -निर्यात के साथ चीनी का स्टॉक बनाकर चीनी गोदामों में चीनी जमा करने के लिए भी समय समय पर सरकार के दिशानिर्देश आते रहते है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने चालू वित्त वर्ष में 40 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की मंजूरी दी है वो इसी क्रम में लिया गया निर्णय है। चीनी के बफ़र स्टॉक बनाने की मंज़ूरी पर मीडिया से अनौपचारिक फोनवार्ता करते हुए केन्द्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि देश में चीनी की कमी ना आए एवं व्यवस्थित भंडार रहे इसी की रणनीति के तहत चीनी स्टॉक बनाया है। मंत्री ने कहा कि चीनी का आशातीत उत्पादन होने की उम्मीद को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
मंत्री ने कहा कि सरकार की इस पहल से देश में गन्ना किसानों का जो बकाया है उसे चुकाने में भी चीनी मिलो को वित्तीय सहयोग मिलेगा और वो समय सीमा में किसानों का बकाया चुकाने में मिलों को मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि वर्तमान मे तक़रीबन 15,000 करोड़ रुपया गन्ना किसानों का चीनी मिलो पर बकाया है जिसे देखते हुए सरकार का यह निर्णय लिया है। यह निर्णय चीनी मिलों और किसानों के लिए जहाँ लाभदायी साबित होगा वहीं ग़रीब जनता को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण चीनी उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि किसानों के गन्ना बकाया को लेकर बीते दिनों सरकार से चीनी मिलों के प्रतिनिधियों के संवाद के दौरान सरकार ने चीनी के उत्पादन की संभावनाओं के बीच किसानों और चीनी मिलों को किसी भी तरह की वित्तीय अनिश्चितता को दूर करने के लिये चीनी का स्टॉक बनाने का निर्णय लिया है। मंत्री ने कहा कि बीते सत्र की तुलना में इस सत्र में सरकार ने 10 लाख टन चीनी का अधिक स्टॉक करने का निर्णय लिया है।
ग़ौरतलब है कि अगस्त, 2018 में केंद्र ने चीनी का 30 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया था जिससे सरकार पर 1,175 करोड़ रुपये का बोझ बना था। सरकार का यह निर्णय चीनी मिलों की वित्तीय हालात ठीक करने, गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने और स्थानीय स्तर पर चीनी कीमतों को स्थिर करने के लिए लिया गया था।
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