बुलढाणा : बुलढाणा अर्बन अर्बन कोऑपरेटिव क्रेडिट यूनियन के संस्थापक राधेश्याम चांडक ने बताया कि, विदर्भ की पहली कोऑपरेटिव मिल, जीजामाता कोऑपरेटिव मिल अब नए सिरे से शुरू होने जा रही है।सिंधखेड़ाराजा तालुका के दुसरबीड में स्थित इस मिल को अब वेंकटेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया है।मिल पिछले 10 साल से बंद थी।इसे शुरू करने के लिए शासन स्तर से भी प्रयास किये गये, लेकिन वे असफल रहे।अब पिछले तीन साल से इस दिशा में प्रयास कर रहे राधेश्याम चांडक के प्रयास सफल रहे है।
बुलढाणा अर्बन ने ‘वेंकटेश’ को 30 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया।यह ऋण इस शर्त पर दिया गया है कि, मिल का नाम जिजामाता सहकारी चीनी मिल ही रखा जाएगा। 23 अगस्त को फैक्ट्री खरीदी गई है। जल्द ही मिल दोबारा शुरू की जाएगी। इससे पहले, ‘बुलढाणा अर्बन’ ने की जिले में बंद पड़ी दो सहकारी चीनी मिलें शुरू की है। उनमें से एक धाड (वरुड) में स्थित अनुराधा सहकारी चीनी मिल और मेहकर में स्थित महेश मिल शामिल है। राधेश्याम चांडक ने कहा की, बुलढाणा जिले में अब तीन सहकारी चीनी मिले है और किसानों को बड़ी मात्रा में गन्ने की खेती करनी चाहिए।उन्होंने कहा, जिले में अब हरित क्रांति आएगी और किसानों का आर्थिक उत्थान होगा।