नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इस संशोधन से दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 की विशेष खामियां दूर हो जाएंगी और संहिता का सुव्यवस्थित कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा।
संशोधनों के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने से पहले किए गए किसी अपराध के लिए कॉरपोरेट कर्जदार की देनदारी नहीं रह जाएगी और अधिनिर्णयन प्राधिकरण द्वारा समाधान योजना को मंजूरी देने की तिथि से ही इस तरह के अपराध के लिए कॉरपोरेट कर्जदार पर मुकादमा नहीं चलाया जाएगा, बशर्ते कि समाधान योजना के परिणामस्वरूप संबंधित कॉरपोरेट कर्जदार का नियंत्रण या प्रबंधन एक ऐसे व्यक्ति के हाथों में चला जाता है जो न तो:
प्रमोटर था या प्रबंधन में था अथवा कॉरपोरेट कर्जदार के नियंत्रण में था अथवा इस तरह के व्यक्ति से किसी भी तरह संबंधित था।
और न ही कोई ऐसा व्यक्ति था जिसके बारे में अपने पास उपलब्ध किसी सामग्री के आधार पर संबंधित जांच प्राधिकरण का यह मानना है कि उसने अपराध करने के लिए या तो उकसाया था या साजिश रची थी और उसने संबंधित वैधानिक प्राधिकरण या अदालत में कोई रिपोर्ट पेश की है अथवा कोई शिकायत दर्ज कराई है।
संबंधित प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए कॉरपोरेट कर्जदार आवश्यकता पड़ने पर किसी भी ऐसे प्राधिकरण को सभी तरह की सहायता एवं सहयोग प्रदान करेगा जो कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने से पहले किए गए किसी अपराध की जांच-पड़ताल कर रहा है।
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