लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन एवं मा. मंत्री, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री सुरेश राणा के कुशल नेतृत्व में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा कोरोना महामारी की देशव्यापी विभीषिका के दौरान विषम परिस्थितियों के बावजूद भी गन्ना किसानों के हित में अनवरत अपने दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है तथा गन्ना कृषकों के खेतों में खडे गन्ने की सुचारू रूप से चीनी मिलों को आपूर्ति सुनिश्चित करायी जा रही है।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एंव चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा लॉकडाउन की अवधि में भी चीनी मिलों के संचालन की प्रभावी कार्य योजना तैयार करते हुये गन्ना किसानों के हित में प्रदेष की सभी चीनी मिलों को संचालित रखने का निर्णय लिया गया तथा लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश एवं देश के दूसरे हिस्सों से आपूर्ति होने वाले आवश्यक राॅ मटीरियल की उपलब्धता भी संबंधित अधिकारियों से समन्वय कर सुनिश्चित करायी गयी, जिससे चीनी मिलों का संचालन प्रभावित न हो सके। इसके फलस्वरूप प्रदेश गन्ना पेराई एवं चीनी उत्पादन में कीर्तिमान बनाने में सफल हुआ तथा गन्ना किसानों के ,खडे गन्ने की सुचारू रूप से चीनी मिलों को आपूर्ति हो सकी।
श्री भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि प्रदेश के 46.2 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को वर्तमान पेराई सत्र 2019-20 में अब तक 6.13 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी की गई है, जबकि विगत वर्ष सामान्य परिस्थितियों में भी इस समय तक 5.5 करोड़ गन्ना पर्चियां ही जारी की गयी थी, जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेष की चीनी मिलों द्वारा अब तक 10,715.40 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई कर 1216.8 लाख कु. चीनी उत्पादित की गयी है, जबकि विगत वर्ष सामान्य परिस्थितियों मे इस समय तक 10,118.77 लाख कुन्टल गन्ने की पेराई ही हुई थी, तथा चीनी उत्पादन 1163.69 लाख कुन्टल था। वर्तमान पेराई सत्र में कुल 119 चीनी मिलों द्वारा पेराई कार्य शुुरू किया गया था, और 66 मिलों के पेराई समाप्त करने के बाद अभी भी 53 चीनी मिलें पेराई कार्य कर रही है, जबकि विगत वर्ष इस समय तक सामान्य परिस्थितियाॅ होने के बावजूद भी केवल 30 चीनी मिलें हीं संचालित थी, और 89 चीनी मिले पेराई कार्य बन्द कर चुकी थी।
प्रदेश की गन्ना पेराई एंव चीनी उत्पादन के परिक्षेत्रवार आकडे भी निम्नवत है जिससे यह स्पष्ट है कि न केवल प्रदेश स्तर पर वरन् सभी परिक्षेत्रीय स्तरों पर भी गन्ना पेराई आदि गत् वर्ष के सापेक्ष अधिक रही है, जो विभागीय नीतियों के कारण कृषकों की गन्ना आपूर्ति व्यवस्था मे सुगमता को प्रदर्शित करता है तथा विभाग द्वारा हर स्तर पर नियमित समीक्षा कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गन्ना किसानों को गन्ना आपूर्ति मे कोई परेशानी नही हो और चीनी मिलें समस्त पेराई योग्य गन्ने की पेराई करने के बाद ही बंद हो।
crushing 2018&19 | crushing 2019&20 | ||||
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 |
SR.NO. | NAME OF CANE REGION | CANE CRUSHING
(lkh. Q.) |
Sugar Production
(lkh. Q.) |
CANE CRUSHING
(lkh. Q.) |
Sugar Production
(lkh. Q.) |
1 | SAHARANPUR | 1664.86 | 188.20 | 1782.11 | 205.13 |
2 | MEERUT | 1399.64 | 157.76 | 1535.25 | 175.06 |
3 | MORADABAD | 1957.42 | 230.90 | 2110.69 | 243.39 |
4 | BAREILLY | 1123.97 | 127.84 | 1210.85 | 139.00 |
5 | LUCKNOW | 2138.50 | 252.50 | 2253.81 | 252.71 |
6 | AYODHYA | 383.04 | 43.73 | 363.05 | 41.94 |
7 | DEVIPATAN | 773.30 | 87.34 | 758.29 | 86.13 |
8 | GORAKHPUR | 214.43 | 22.91 | 273.89 | 28.05 |
9 | DEORIA | 463.60 | 52.57 | 407.46 | 45.40 |
TOTAL | 10118.77 | 1163.69 | 10715.40 | 1216.81 |
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