गन्ना मूल्य भुगतान और पर्ची न मिलने की समस्या से इस बार किसान परेशान हैं। गन्ना समिति कर्मचारियों की मनमानी से किसान मारे-मारे घूम रहे हैं। गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में डीएम की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन किया गया। किसानों ने गन्ना मूल्य भुगतान और पर्ची की समस्या को प्रमुखता से उठाया। गन्ना समितियों पर हो रही मनमानी के बारे में जानकारी दी। किसानों ने गन्ना विभाग के अधिकारियों पर कई आरोप भी जड़े।
उपकृषि निदेशक ने किसानों को सरकार की योजनाएं बताईं।डीडी कृषि एलबी यादव ने बताया कि यूरिया की 50 किलोग्राम की बोरी 295 में और 45 किलोग्राम की बोरी 265.50 निर्धारित की गयी है। कोई भी खाद विक्रेता ज्यादा पैसे ले तो इसकी शिकायत करें तुरंत कार्रवाई की जाएगी। जिला उद्यान अधिकारी दिग्विजय कुमार ने पाली हाउस, ग्रीन हाउस पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। मिर्चा, लहसुन, प्याज आदि फसलों पर भी अनुदान दिया जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी सत्येन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि ऋण मोचन से सम्बन्धित शिकायत निर्धारित प्रारूप पर ही जमा कर दें। ऋण माफी की शिकायत की अन्तिम तिथि 21 जनवरी तक दर्ज की जाएंगी। जिला गन्ना अधिकारी बीके पटेल ने किसानों को बताया कि पिछले सालों की समस्याओं को देखते हुए पर्ची वितरण विभाग से किया जा रहा है। गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अगले वर्ष पर्ची की जगह मोबाइल पर मैसेज जाएगा। डीएम शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि गोंवंशीय जानवरों व छुट्टा पशुओं के लिए प्रत्येक ब्लॉक में दो-दो गौशाला बनायी जा रही हैं।
Source : Sugar Times
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