लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों द्वारा पिछले पेराई सत्र का बकाया भुगतान न होने के कारण किसानों का कहना है की उनकी दिवाली इस बार फीकी रहेगी।दीवाली में बस एक दिन दूर है, और कई किसानों का शत प्रतिशत भुगतान नहीं हुआ है। नकदी की कमी से जूझ रहे किसानों का कहना है कि, उनके पास दिवाली मनाने के लिए पैसे नहीं है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, उत्तर पप्रदेश में करीब 45 लाख गन्ना उत्पादक हैं, जो राज्य की 119 चीनी मिलों को अपनी फसल बेचते हैं। इनमें से 50 मिलों ने अभी तक अपना बकाया नहीं चुकाया है, जबकि नया पेराई सत्र शुरू हो गया है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए, कई किसान अब अपनी गन्ने की फसल कोलुह और क्रशर को 260 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जो कि राज्य समर्थित मूल्य से कम है। नया पेराई सत्र शुरू हो गया है लेकिन पुराना बकाया अभी बाकी है। सरकार को डिफॉल्टर चीनी मिलों पर शिकंजा कसने की मांग किसानों द्वारा की जा रही है।
भारतीय किसान संघ के मंडल अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने कहा, ‘हमारा संगठन लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हम जल्द ही एक आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं।”
आपको बता दे, राज्य सरकार के नेतृत्व में पेराई सत्र 2019-20 का शत प्रतिशत भुगतान हुआ है और अब प्रशासन यह सुनिश्चित करने में लगा हुआ है की पिछले सत्र का पूरा भुगतान हो जाए।
Kinouni suger foctery ka payment 15 February tk hua h 3.5 months ka payment or baki h.meerut
योगी जी शर्म आती आप कि सरकार पर