लाहौर: पाकिस्तान सरकार ने पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई की और 36 कनाल भूमि को भी अपने कब्जे में ले लिया। पंजाब एंटी-करप्शन इस्टेब्लिशमेंट (एसीई) के चीफ गोहर नफीस ने कहा कि 37 साल पहले लाहौर से लगभग 200 किलोमीटर दूर साहिवाल में शरीफ परिवार की मिलों द्वारा अतिक्रमण की गई 36 कनाल भूमि को पुनः वापस ले लिया गया है।
शरीफ 24 दिसंबर, 2018 से लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की जेल की सजा काट रहे हैं। उनपर जवाबदेही अदालत ने उन्हें अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले में दोषी ठहराया था। जबकि शरीफ और उनके परिवार के लोगों ने किसी भी गलत काम से साफ इनकार किया है और आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले राजनीति से प्रेरित थे। नफीस ने कहा कि शरीफ परिवार के इत्तेफाक शुगर मिल्स ने राज्य की भूमि का अतिक्रमण कर 36 कनाल बनाए और 1982 में इन्हें अपना हिस्सा बनाया। इसके अलावा, मिलों ने अपनी मशीनरी को एक और चीनी मिलों स्थापित करने के लिए पंजाब प्रांत में रहीम यार खान में स्थानांतरित किया था जिसपर कोर्ट ने रोक लगाई है। नफीस ने कहा कि उन्होंने इस बारे में जांच के आदेश उन्होंने दिया है और 37 साल के लिए मिल मालिकों से किराया लेने को कहा है ताकि राष्ट्रीय सरकारी खजाने के नुकसान की भरपाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि शरीफ परिवार के सदस्यों को जल्द ही एसीई द्वारा इस संबंध में नोटिस जारी किए जाएंगे कि वे राज्य की भूमि के अतिक्रमण के संबंध में अपने बयान दर्ज करें। उन्होंने कहा, भूमि का कोई किराया 1982 से भुगतान नहीं किया गया है और ये अरबों में है।
भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लाहौर से लगभग 200 किलोमीटर दूर पाकपट्टन में बाबा फरीद की धर्मस्थल से संबंधित भूमि के अवैध आवंटन से संबंधित तीन दशक पुराने मामले में शरीफ को कोट लखपत जेल में कैद कर सकती है। शरीफ पर पंजाब के मुख्यमंत्री रहने के समय 1986 में अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए जमीन आवंटित करने का आरोप है। उन्होंने पहले जांचकर्ताओं को दिए जवाब में कहा कि यह 30 साल पुराना मामला है और मुझे इस बारे में कुछ भी याद नहीं है। मेरी कानूनी टीम इस संबंध में जवाब देगी।
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