केन्या: कोरोना महामारी का वैश्विक प्रसार तेजी से फ़ैल रहा है। इस महामारी से बचने के लिए पूरी दुनिया में सैनिटाइजर की मांग बढ़ी है। केन्या में भी कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर हैंड सैनिटाइजर की बड़े पैमाने पर मांग की जा रही है। केन्या में नकदी संकट का सामना कर रही चीनी मिलों के लिए देश हित के साथ साथ अपने राजस्व बढ़ाने का मौका है।
केन्या शुगर मिलर्स एसोसिएशन (केस्मा) के अध्यक्ष जयंती पटेल ने कहा कि कोरोना के कारण सैनिटाइजर की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से पहले सैनिटाइजर की बहुत कम मांग थी, लेकिन अब इसमें इजाफा हो गया है।
केन्या की अग्रणी चीनी मिल कंपनी मुहोरोनी ने सैनिटाइजर की मांग को पूरा करने के लिए जोरशोर से उत्पादन में जुट गई है। इस कंपनी में पहले इथेनॉल का उत्पादन हो रहा था। किबोस और बुटाली चीनी मिलों ने भी हैंड हाइजीन उत्पादों को बनाना शुरु किया है जबकि सोनी, केमिलिल, नोजिया में इसके उत्पादन का प्रोसेस चल रहा है। पटेल ने कहा कि हमारी चीनी मिलें हैंड सैनिटाइजर के उत्पादन के लिए डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों और मानकों का पूरा पालन कर रही हैं।
गौरतलब है कि केन्या में कोरोना वायरस महामारी के कारण हैंड सैनिटाइजर्स, डिसइंफैक्टेंट और जर्म्स किलिंग सोप्स की हाल के महीनों में काफी बिक्री बढ़ी है। लोग कोविद-19 से बचाव के लिए इन उत्पादों का एहतियाती इस्तेमाल कर रहे हैं।
मुहोरोनी के रिसीवर मैनेजर फ्रांसिस ओको ने कहा कि हम सैनिटाइजर के व्यापक उत्पादन और उसको किफायती दरों से बाजारों में उपलब्ध करा रहे हैं।
केन्या के गन्ना किसानों ने चीनी मिलों से कोरोना वायरस से बचाव के लिए फ्री फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध कराने की अपील की है। किसानों की इस अपील को केन्या नेशनल गन्ना फेडरेशन के महासचिव एज्रा ओकोथ ने भी समर्थन किया और चीनी मिलों से किसानों को ये चीजें उपलब्ध कराने का आग्रह किया ताकि किसान कोरोना वायरस के खुद का बचाव कर सकें। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को किसानों को सैनिटाइज करके कोरोना के बारे में विस्तार से जानकारी देनी चाहिए।
गौरतलब है कि केन्या की चीनी मिलों को गन्ने की कम सप्लाई और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बुरे दिन देखने पड़ रहे हैं।
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