नई दिल्ली: चीनी मंडी
चीनी मिलों के विनिवेश घोटाले मामले की जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पूर्व सचिव के युपी समेत कई अन्य ठिकानों पर सीबीआय द्वारा मंगलवार को छापेमारी की गई। विनिवेश घोटाला मामले में, जो कथित तौर पर यूपी में बसपा के शासनकाल के दौरान हुआ था, लखनऊ और 14 स्थानों पर कार्रवाई की गई। इसमें पूर्व आईएएस अधिकारी नेताराम और विनय प्रिया दुबे और पूर्व एमएलसी इकबाल सिंह के बेटे वाजिद अली और मोहम्मद जावेद के घर और ऑफिस की तलाशी ली गई।
2007 और 2012 के बीच, मायावती जब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं, उस समय उन्होंने नेताराम को कुछ समय के लिए सचिव का पद दिया था, और विनय दुबे उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम के प्रबंध निदेशक थे। विनिवेश घोटाला मामले में नई दिल्ली के बाराखंभा रोड स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट और यूपी के सहारनपुर में एक अन्य व्यक्ति के परिसरों की भी तलाशी ली गई।
सीबीआय अधिकारीयों ने बताया कि, तलाशी के दौरान एजेंसी ने 11 लाख रुपये की नकदी बरामद की। एजेंसी ने राज्य सरकार की 10 चालू और 11 बंद चीनी मिलों के बिक्री से संबंधित विनिवेश घोटाला मामले की जांच के लिए एफआयआर दर्ज की थी। इस साल के लोकसभा चुनावों से कुछ दिन पहले, आयकर विभाग ने नेताराम की संपत्तियों की तलाशी ली थी, जहां दावा किया गया था कि, उन्होंने भारी संपत्ति बरामद की है। उन्होंने कहा कि, विनिवेश घोटाले के मामले में 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 110 स्थानों पर एजेंसी के लगभग 500 अधिकारी तलाशी अभियान का हिस्सा थे। यह ऑपरेशन दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, जम्मू, श्रीनगर, पुणे, जयपुर, गोवा, रायपुर, हैदराबाद, मदुरै, में फैला हुआ था।
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