भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पिछले वर्षों की तरह आटा मिलों/निजी व्यापारियों/थोक खरीदारों/गेहूं से बने उत्पादों के निर्माताओं को ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) 2023 के तहत खुले बाजार में 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की अतिरिक्त मात्रा उतार सकता है। इस प्रकार, अब तक 50 लाख मीट्रिक टन (30+20 लाख मीट्रिक टन) गेहूं को खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) 2023 के तहत बाजार में उतारने का फैसला किया जा चुका है।
20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की अतिरिक्त ऑफलोडिंग के साथ ही आरक्षित मूल्य में कमी सामूहिक रूप से उपभोक्ताओं के लिए गेहूं तथा गेहूं से निर्मित उत्पादों के बाजार मूल्य को कम करने में मदद करेगी।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव ने खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत आयोजित दूसरी नीलामी में स्टॉक उठाने की समीक्षा के लिए 21.02.2023 को भारतीय खाद्य निगम और फ्लोर मिलर/संघों/फेडरेशन/आटा एवं सूजी उत्पाद निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक आयोजित की। इसके अलावा, आटा मिलों को गेहूं के बाजार मूल्य में कमी के अनुरूप आटा तथा अन्य उत्पादों की कीमतें कम करने की सलाह दी गई है।
उल्लेखनीय है कि माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों की समिति की बैठक 25.01.2023 को आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा के लिए आयोजित हुई थी। समिति ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के माध्यम से एफसीआई स्टॉक से 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं निम्नानुसार जारी करने का निर्णय लिया:
एफसीआई द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रक्रिया के अनुसार व्यापारियों, आटा मिलों आदि को ई-नीलामी के माध्यम से 25 लाख मीट्रिक टन की पेशकश की जाएगी। बोलीकर्ता प्रति नीलामी प्रति क्षेत्र अधिकतम 3000 मीट्रिक टन की मात्रा के लिए ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं।
ई-नीलामी के बिना राज्य सरकारों को उनकी आवश्यकताओं के लिए 10,000 मीट्रिक टन/राज्य की दर से 2 लाख मीट्रिक टन की पेशकश की जाएगी।
सरकारी पीएसयू/सहकारिता/संघ जैसे केंद्रीय भंडार/एनसीसीएफ/नेफेड आदि को बिना ई-नीलामी के 3 लाख मीट्रिक टन की पेशकश की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने केंद्रीय भंडार/नेफेड/एनसीसीएफ को उनकी मांगों के अनुसार 3 लाख मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन किया है। केन्द्रीय भंडार, नेफेड और एनसीसीएफ को गेहूं के क्रमशः 1.32 लाख मीट्रिक टन, 1 लाख मीट्रिक टन और 0.68 लाख मीट्रिक टन आवंटित किए गए हैं।
इसके अलावा, 10.02.2023 को गेहूं की दर एनसीसीएफ/नेफेड/केन्द्रीय भंडार/राज्य सरकार को बिक्री के लिए 23.50 रुपये/किलोग्राम से घटाकर 21.50 रुपये/किलोग्राम (पैन इंडिया) कर दी गई है। सहकारी समितियों/संघों आदि के साथ-साथ सामुदायिक रसोई/धर्मार्थ/एनजीओ आदि ये सभी इस शर्त के अधीन हैं कि वे गेहूं को आटा में परिवर्तित करेंगे और इसे उपभोक्ताओं को एमआरपी 27.50/किलोग्राम पर ही बेचेंगे।
इसके साथ ही, गेहूं और आटे के मूल्य को कम करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने वित्त मंत्रालय के परामर्श से 10.02.2023 को निर्णय लिया है कि:
खुला बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं की बिक्री के उद्देश्य से आरक्षित मूल्य एफएक्यू के लिए 2350 रुपये/क्विंटल (पैन इंडिया) और आरएमएस 2023-24 सहित सभी फसलों के यूआरएस गेहूं हेतु 2300 रुपये/क्विंटल (पैन इंडिया) होगा, जिसमें कोई परिवहन लागत घटक नहीं जोड़ा जाएगा। इस उपाय से देश के विभिन्न हिस्सों में आम जनता को उचित मूल्य पर गेहूं की आपूर्ति में सहायता होना सुनिश्चित होगा।
राज्यों को ई-नीलामी में भाग लिए बिना ही उपरोक्त आरक्षित मूल्य पर अपनी जरूरत के लिए भारतीय खाद्य निगम से गेहूं खरीदने की अनुमति दी जा सकती है।
खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) 2023 की घोषणा के बाद विभाग ने यह पाया कि गेहूं और आटे की कीमतें कम हुई हैं, लेकिन जनवरी, 2023 के लिए मुद्रास्फीति का आंकड़ा 3 महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर था। खाद्य अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति की जांच हेतु खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 17.02.2023 को 31 मार्च, 2023 तक अपनी स्वयं की आवश्यकता हेतु निजी पार्टियों और राज्य सरकारों को गेहूं की बिक्री के उद्देश्य से आरएमएस 2023-24 सहित सभी फसलों के गेहूं (एफएक्यू) हेतु आरक्षित मूल्य को 2150 रुपये/क्विंटल (पैन इंडिया) और गेहूं (यूआरएस) के लिए 2125 क्विंटल (पैन इंडिया) तक कम करने का फैसला किया है।
(Source: PIB)