सरकार, केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को यह बताते हुए कहा की, केंद्र 2021-22 में रबी सीजन के दौरान उत्पादित पूरे 15 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद करेगा, जिसमे की 13.73 लाख मीट्रिक टन पारबोइलड चावल (parboiled rice) और बचे हुए कच्चे चावल शामिल हैं, यदि इसे राज्य द्वारा भारतीय खाद्य निगम को सौंप दिया जाता है।
साथ ही मंत्री ने कहा कि, उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को लिखा था और बाद में 31 मई तक एफसीआई को उपज सौंपने की अंतिम तारिक को एक बार फिर बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की थी।
किशन रेड्डी ने इस बात का दावा किया है कि, केंद्र ने कम से कम समर्थन मूल्य का भुगतान किया था और धान की अधिकतम मात्रा की खरीद की, साथ ही मिलिंग क्षमता बढ़ाने की सलाह भी दी थी, किंतु, ऐसा नहीं किया जा रहा था और पुनर्नवीनीकरण चावल की बिक्री को भी रोका जा रहा था।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहे जाने के अनुसार, किशन रेड्डी ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार द्वारा पिछले वर्ष के रबी धान की खरीद एफसीआई करने में असमर्थ थी, जबकि इस वर्ष की उपज भी तैयार है, यह उसकी विफलता का संकेत है, साथ ही उन्होंने विभिन्न कृषि गतिविधियों को शुरू करने के लिए एक उचित समयबद्ध योजना बनाने की सलाह दी जिस से किसानों को काफी मदद मिलेगी।