नई दिल्ली: सरकार-से-सरकार (जी2जी) मार्ग के तहत दस लाख टन चीनी भेजने से भारत के इनकार के बाद बांग्लादेश में चीनी की तस्करी बढ़ गई है। इसके साथ ही भारत द्वारा घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पिछले सितंबर निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद पड़ोसी देशों में टूटे हुए चावल की तस्करी में भी वृद्धि हुई है। इसी तरह, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने पिछले साल अक्टूबर में चीनी निर्यात को ‘मुक्त’ श्रेणी से ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया, जो पर्याप्त घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस साल 30 अक्टूबर तक लागू रहेगा।
लाइव मिंट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार को डर है कि, तस्करी से चीनी स्टॉक पर असर पड़ सकता है। इन दोनों वस्तुओं की तस्करी के कारण खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल (order Security Force- BSF), सुरक्षा एजेंसियों और कस्टम अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू की है। अधिकारियों का लक्ष्य इन अवैध निर्यातों पर अंकुश लगाने के लिए उपाय और रणनीतियाँ बनाना है।