केंद्र सरकार महाराष्ट्र में चीनी मिलों की सहायता करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। और इसके लिए कई कदम भी उठाये जा रहे है।
देश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसके लिए कई मंत्री भी उद्योगपति को प्रोत्शाहित कर रहे है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग को जागरूक कर रहे है। साथ ही महाराष्ट्र में त्रस्त चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने का भी प्रयास किया जा रहा है।
शाह के साथ हालही में हुई बैठक के बाद, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पेराई सत्र को फिर से शुरू करने के लिए त्रस्त मिलों का समर्थन करने के लिए तैयार है। पवार ने कहा की चीनी मिल निदेशक बोर्ड या प्रशासकों को प्रस्तावों का मसौदा तैयार करना होगा और इसे सरकार को सौंपना होगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अमित शाह चाहते हैं कि महाराष्ट्र में एक भी चीनी मिल ऐसी न हो जो एथेनॉल का उत्पादन न कर रही हो। हाल ही में शाह ने पुणे में बोलते हुए कहा था कि सहकारी समितियों के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत भारी धनराशि उपलब्ध है जिसका उपयोग डिस्टिलरी स्थापित करने के लिए किया जा सकता है। राज्य की चीनी मिलों को ऋण सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।
पवार ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि सभी चीनी मिलों में एथेनॉल उत्पादन सुविधाएं हों और अब सहकारिता मंत्री के खुद मदद का हाथ बढ़ाने से राज्य की मिलें इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएंगी। पवार ने कहा, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) चीनी मिलों की मदद के लिए तैयार है।
राज्य की कई सहकारी चीनी मिलों ने मिलों को पुनर्जीवित करने के लिए समर्थन मांगने के लिए एनसीडीसी से संपर्क किया है। जिन लोगों ने एनसीडीसी से संपर्क किया है उनमें पूर्व कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शामिल हैं जो अब भाजपा के साथ हैं। राज्य सरकार ने इन मिलों द्वारा प्रस्तुत ऋण प्रस्तावों पर गारंटी देने का आश्वासन दिया है।