आयात निर्भरता कम करने, विदेश मुद्रा बचाने और किसानों की उन्नति के लिए केंद्र द्वारा एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा

नई दिल्ली : देश में हर साल 10 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया जाता हैं और अगले पांच साल में हमारी यह मांग बढ़ेगी। इसका देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, काफी बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च हो जाती है। केंद्र सरकार ने यह तस्वीर बदलने के लिए 2014 से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया है, पेट्रोलियम आयात को कम करने का एथेनॉल उत्पादन सबसे बड़ा विकल्प है। देश में वाहनों की मांग बढ़ रही है, और आनेवाले दिनों मे एथेनॉल, मिथेनॉल, बायो डीजल, बायो एलएनजी, और ग्रीन हायड्रोजन इन वैकल्पिक इंधन की मांग बढनेवाली है। एथेनॉल की मांग बढ़ने से इसका सीधा फायदा चीनी मिलों और साथ ही किसानों को होगा।

विदेशी मुद्रा में 50,000 करोड़ रुपये की बचत

10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी (2 जी) इथेनॉल संयंत्र, देश में पहली बार राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि, पिछले सात-आठ वर्षों में, देश ने पेट्रोल के साथ एथेनॉल को मिलाकर विदेशी मुद्रा में 50,000 करोड़ रुपये की बचत की है। उन्होंने यह भी कहा कि यह संयंत्र खेतों पर पराली जलाने की समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करेगा, और प्रदुषण कम होगा। एथेनॉल एक अक्षय ईंधन है जिसे बायोमास कहा जाता है। पहली पीढ़ी (1G) एथेनॉल कच्चे माल के रूप में अनाज, गन्ने के रस और गुड़ जैसे फीडस्टॉक से निर्मित होता है, जबकि 2G एथेनॉल संयंत्र में कृषि अपशिष्ट का उपयोग करते हैं।

जून में औसतन 10% सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल

इतना ही नहीं एथेनॉल, पेट्रोल के साथ मिश्रित होने पर, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करता है। भारत के लिए, यह ऊर्जा सुरक्षा के अपने लक्ष्य के करीब जाने में भी मदद करता है, क्योंकि यह ऑटो ईंधन की मात्रा को बढ़ाता है और उस हद तक तेल आयात पर निर्भरता को कम करता है। भारत ने इस साल जून में पांच महीने पहले देश भर में औसतन 10% सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया। इसके बाद, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018 में संशोधन किया, जिसने अन्य बातों के अलावा, 2030 से 2025-26 तक पेट्रोल में एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य को बढ़ा दिया। जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास में, सरकार ने उनके उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक को शामिल करने के लिए संशोधन भी किया है।

बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर

उत्सर्जन को कम करने के अलावा 2जी एथेनॉल परियोजना किसानों को बिना जलाए पराली को निपटाने का एक आकर्षक विकल्प प्रदान करेगा, जो हर साल प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रहा है। इससे कृषि-फसल के कचरे से भी किसानों की आय होगी। देश के हर राज्य में एथेनॉल परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिससे देश में बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगें।

2जी एथेनॉल के लिए धीमी शुरुआत

2जी एथेनॉल के निर्माण की शुरुआत धीमी रही। 2016-17 में बहुत पहले, राज्य द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने कुल 12 संयंत्र स्थापित करने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन इनमें से पहला इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) द्वारा इसी महीने चालू किया गया था। IOCL ने 900 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पहला 2G इथेनॉल संयंत्र बनाया। इकाई हर साल लगभग तीन करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पन्न करने के लिए सालाना लगभग दो लाख टन चावल के भूसे का उपयोग करेगी। कंपनी की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वह पानीपत में एक तीसरी पीढ़ी (3जी) एथेनॉल संयंत्र भी स्थापित कर रही है, जिसकी क्षमता 128 किलो लीटर प्रति दिन (केएलपीडी) है।

BPCL द्वारा ओडिशा में एक एकीकृत 2G और 1G बायो-एथेनॉल रिफाइनरी का निर्माण

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) ओडिशा के बरगढ़ में एक एकीकृत 2G और 1G बायो-एथेनॉल रिफाइनरी स्थापित कर रहा है। रिफाइनरी एथेनॉल की उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर लगभग 6 करोड़ लीटर प्रति वर्ष कर देगी। इसमें फीडस्टॉक के रूप में बायोमास का उपयोग करके 2जी एथेनॉल के 100 केएलपीडी की डिजाइन उत्पादन क्षमता और फीडस्टॉक के रूप में चावल के दाने का उपयोग करके 1जी बायो एथेनॉल के 100 केएलपीडी की डिजाइन उत्पादन क्षमता है। बीपीसीएल 2025 तक 20 प्रतिशत ब्लेंडिंग रोलआउट के कारण अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा करने के लिए चरणबद्ध तरीके से अपने सभी डिपो और टर्मिनलों में अपनी एथेनॉल भंडारण सुविधा का विस्तार कर रहा है।

HPCL का पंजाब में 2G एथेनॉल बायो-रिफाइनरी प्लांट

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) पंजाब के बठिंडा में 100 KLPD क्षमता के 2G एथेनॉल बायो-रिफाइनरी प्लांट का निर्माण कर रहा है। कंपनी की योजना मक्का और चावल जैसे क्षतिग्रस्त या अधिशेष अनाज का उपयोग करके इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए चार संयंत्र बनाने की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here