टूमकुर, कर्नाटक, 3 जनवरी: भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। कर्नाटक के टूमकुर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्नाटक में गन्ना की खेती प्रचुर मात्रा में होती है। यहाँ के गन्ना किसानों की अथक मेहनत और लगन के ज़रिए देश को भविष्य की उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति बनाने में मदद मिलेगी और उसी के ज़रिए देश को 5 ट्रिलियन इकॉनोमी बनाने का सपना साकार हो सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्नाटक का गन्ना और चीनी उद्योग यहाँ के किसानों की रीढ़ माना जाता है, लेकिन इस साल यहाँ पर सूखा पड़ने के चलते गन्ने की फसल का रक़बा घटने से किसान और चीनी उद्योग दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की तीसरी किस्त जारी करते हुए कहा कि योजना के तहत 6 करोड़ किसानों के खाते में राशि स्थानांतरित की गयी है। इस राशि से गन्ने की फसल खराब होने से नुक़सान की मार झेल रहे गन्ना किसानों को वित्तीय मदद होने से आर्थिक सहारा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार कर्नाटक के गन्ना और चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक की भौगोलिक स्थिति गन्ने की गुणवत्तापूर्व खेती के लिए काफ़ी अनुकूल है। यहाँ का मौसम, मिट्टी और वातावरणीय परिस्थितियाँ गन्ना की खेती को प्रोत्साहित करती है। इस कारण यहाँ के गन्ने से तैयार चीनी भी गुणवत्ता के मामले में श्रेष्ठ मानी जाती है, जिसकी माँग देश और दुनिया में रहती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में समुद्री यातायात की सहुलियत के कारण विदेशी व्यापार की भी प्रचुर संभावना है इसलिए केन्द्र सरकार यहाँ से उत्पादित गन्ना और चीनी उद्योग के व्यापार और कारोबार के साथ विदेशों में इसके निर्यात को बढ़ावा देगी। इस अवसर पर प्रदेश के चयनित को कृषि कृषि कर्मण पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
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