नई दिल्ली : चालू रबी सीजन में सरकारी एजेंसियों द्वारा गेहूं की खरीद 26 मिलियन टन को पार कर गई है और इस सप्ताह पिछले साल के 26.2 मिलियन टन के आंकड़े को पार करने की संभावना है। भारतीय खाद्य निगम और राज्य खरीद एजेंसियों द्वारा इस रबी सीजन में 27 मिलियन टन से अधिक की खरीद होने की संभावना है।
सरकारी सूत्रों ने ‘एएनआई’ को बताया कि, 27 मिलियन टन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और आवश्यक बफर स्टॉक की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा।गेहूं की खरीद इस माह के अंत तक जारी रहेगी। सीज़न की शुरुआत में, खाद्य मंत्रालय ने इस सीजन में 30-31 मिलियन टन गेहूं खरीदने का अनुमान लगाया था।
केंद्रीय पूल में गेहूं का सबसे बड़ा योगदानकर्ता पंजाब है, जहां से रिकॉर्ड 12.36 मिलियन टन पहले ही खरीदा जा चुका है और उम्मीद है कि इस खरीद सीजन के अंत तक यह रिकॉर्ड 12.5 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा।केंद्रीय पूल में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता हरियाणा है। इस सीजन में एफसीआई और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा राज्य से लगभग 7.1 मिलियन टन की खरीद की गई है।राज्य में खरीद कार्य पिछले सप्ताह समाप्त हो गया।
मध्य प्रदेश में खरीद में पिछड़ापन है, अब तक राज्य में केवल 4.73 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया है, जो पिछले साल खरीदे गए 7 मिलियन टन से काफी कम है।मप्र से खरीद का प्रारंभिक लक्ष्य 8 मिलियन टन था।गेहूं खरीद में अब तक उत्तर प्रदेश का योगदान केवल 0.88 मिलियन टन है।इसलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खरीद योजना के तहत सरकार ने लगभग 20.5 लाख छोटे और बड़े किसानों से गेहूं की खरीद के लिए 50,634 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
केंद्रीय पूल में गेहूं का वर्तमान स्टॉक 26.85 मीट्रिक टन है, जबकि 1 जुलाई के लिए बफर स्टॉक 26.58 मीट्रिक टन है।सरकार ने वित्त वर्ष 25 के लिए गेहूं के लिए 2275 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की घोषणा की है, जो पिछले सीजन की तुलना में 150 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।एमएसपी के अलावा, राजस्थान और मध्य प्रदेश ने राज्य में खरीद को बढ़ावा देने के लिए 125 रुपये प्रति क्विंटल के बोनस की घोषणा की है।