20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण के लिए केंद्र सरकार मक्का उत्पादन को देगी प्रोत्साहन

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने चालू वर्ष में लगभग12 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण हासिल कर लिया है। अब 20% एथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चीनी और अनाज क्षेत्रों के विस्तार की सीमित गुंजाइश को देखते हुए केंद्र सरकार मक्का उत्पादन के लिए प्रोत्साहन की योजना बना रही है। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 25 तक ईंधन में 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। चालू सीजन (अक्टूबर-सितंबर, 2022-23) में, देश का चीनी उत्पादन 32.8 मिलियन टन (MT) रहने का अनुमान है। चीनी उत्पादन में गिरावट को देखते हुए सरकार अब मक्का खेती पर ध्यान दे रही है। सरकार भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के सहयोग से कृषि मंत्रालय उच्च उपज वाली किस्मों के विकास के माध्यम से मक्का उत्पादन को बढ़ावा देगा, जिसमें एथेनॉल की उच्च रिकवरी होती है। चीनी उद्योग की तर्ज पर मक्का की सुनिश्चित खरीद के लिए डिस्टलरी किसानों के साथ काम करेगी।

फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक , पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस मामले में मध्यम अवधि की स्थिर मूल्य निर्धारण नीति के साथ मक्का से एथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने की इच्छा भी दिखाई है। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने मंगलवार को कहा कि, अगले पांच वर्षों में देश में मक्का का उत्पादन 10 मिलियन टन तक बढ़ाने की जरूरत है, जो एथेनॉल उत्पादन और पोल्ट्री फीड की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में मक्का का उत्पादन 34.6 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले फसल वर्ष में 33.7 मिलियन टन से मामूली वृद्धि है। विश्व स्तर पर मक्का एथेनॉल उत्पादन के लिए प्राथमिक फीड-स्टॉक है, जबकि भारत में इसका उपयोग ज्यादातर पशु चारा और औद्योगिक उपयोग के लिए किया जाता है। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने फाइनेंसियल एक्सप्रेस को बताया की, जब तक गन्ने का रकबा नहीं बढ़ता, एथेनॉल के लिए चीनी के इस्तेमाल की अपनी सीमाएं हैं, इसलिए हम मक्के का उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।

 

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