नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने चीनी विकास निधि (एसडीएफ) के तहत क्षमता विस्तार के लिए चीनी मिलों को कम से कम एक साल के लिए सॉफ्ट लोन का विस्तार नहीं करने का फैसला किया है, जिसके तहत मिलों को प्रचलित बैंक ब्याज दर से 2 प्रतिशत कम ब्याज पर लोन मिलता है।
इकनोमिक टाइम्स डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी और गन्ने के रस के डायवर्सन के बावजूद, अधिशेष स्टॉक वाले चीनी क्षेत्र की मौजूदा बाजार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है। हम वित्त वर्ष 2021-22 के बाद इसकी समीक्षा करेंगे। सरकार ने 1982 से एसडीएफ की स्थापना के बाद से अब तक चीनी मिलों को 8,840.53 करोड़ रुपये दिए हैं। प्लांट के आधुनिकीकरण के अलावा फंड का इस्तेमाल मिलों की क्रशिंग क्षमता बढ़ाने के लिए किया गया है। अब तक कुल डिफ़ॉल्ट 2,821 करोड़ रहा है, जिसमें मूल राशि के रूप में 1,164 करोड़ शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि हम मिलों की डिफाल्टिंग से बकाया वसूलने की प्रक्रिया में तेजी ला रहे हैं।