नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा कि, वे इथेनॉल प्लांट स्थापित करनेवाले उद्यमियों को सुविधा प्रदान करें, जिसके तहत परियोजना के लिए जमीन की व्यवस्था और जल्द मंजूरी मिले। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा एक योजना के तहत कंपनियों को इथेनॉल उत्पादन क्षमता का विस्तार करने या नई डिस्टिलरी स्थापित करने के लिए रियायती ऋण दिया जाता है। केंद्र सरकार ने 2022 तक पेट्रोल के साथ इथेनॉल के 10 प्रतिशत और 2025 तक 20 प्रतिशत के सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने हाल ही में इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) सहित राज्यों की सरकारों और उद्योग संघों के साथ एक आभासी बैठक की और उनसे योजना को बढ़ावा देने और उद्यमियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया गया था कि वे इस परियोजना के लिए भूमि की व्यवस्था करने में उद्यमियों को सुविधा प्रदान करें, जल्द से जल्द पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करें और डिस्टिलरीयों को स्थापित करें। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया था कि, हर राज्य को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन करना चाहिए और इसमें राज्य उत्पाद शुल्क प्राधिकरण, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उद्योग विभाग, उद्योग संघों, उद्यमियों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के कार्यान्वयन की समीक्षा करना शामिल है। मासिक आधार पर बैठक बुलाकर उद्यमियों द्वारा सामना की जाने वाली अड़चनों को समयबद्ध तरीके से हल किया जा सके। बैठक में, प्रतिभागियों को पेट्रोल कार्यक्रम के साथ मिश्रित इथेनॉल के लाभों के बारे में बताया गया।