नई दिल्ली : पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने शुक्रवार को कहा कि, 2025 के मध्य तक राष्ट्रव्यापी संचालन के लिए उड़ानों में 1 प्रतिशत sustainable aviation fuel का सम्मिश्रण किया जाएगा। पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, आज मुझे क्रू मेंबर्स और यात्री मिले, जिन्होंने स्वदेशी रूप से उत्पादित sustainable aviation fuel (SAF) द्वारा संचालित पुणे से दिल्ली के लिए पहली व्यावसायिक यात्री उड़ान भरी। यह सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) में एक नए अध्याय की शुरुआत है। आज, हमने एक उड़ान में SAF के 1 प्रतिशत सम्मिश्रण के साथ शुरुआत की है, जिसे 2025 के मध्य तक सभी उड़ानों में 1 प्रतिशत तक ले जाया जाएगा।
उन्होंने कहा, हम इसे 1 प्रतिशत का मानक बनाएंगे, फिर हम इसे 5 प्रतिशत तक लाएंगे। उन्होंने कहा कि, इस नियम के लागू होने के बाद सभी उड़ानें 1 प्रतिशत SAF के साथ ईंधन से संचालित होंगी। 2025 तक, अगर हम जेट ईंधन में 1 प्रतिशत SAF सम्मिश्रण का लक्ष्य रखते हैं, तो भारत को प्रति वर्ष लगभग 14 करोड़ लीटर SAF की आवश्यकता होगी। यदि हम 5 प्रतिशत SAF मिश्रण का लक्ष्य रखते हैं, तो भारत को प्रति वर्ष लगभग 70 करोड़ लीटर SAF की आवश्यकता होगी।
SAF पारंपरिक जेट ईंधन के लिए एक स्वच्छ और अधिक टिकाऊ विकल्प है, जो कार्बन उत्सर्जन को 80 प्रतिशत तक कम करता है। इस अवसर को 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन की दिशा में देश के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए, हरदीप सिंह पुरी ने कहा, मुझे इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने और SAF मिश्रित एटीएफ द्वारा ईंधन वाली पहली व्यावसायिक उड़ान प्राप्त करने की खुशी है। यह SAF के साथ 1 प्रतिशत तक सम्मिश्रण वाली पहली घरेलू वाणिज्यिक यात्री उड़ान होगी।
इंडियन ऑयल, एयर एशिया, और प्राज इंडस्ट्रीज में स्वदेशी दिग्गजों को बधाई देते हुए, पुरी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को दोहराया। वैकल्पिक और टिकाऊ ईंधन स्रोतों की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा, हाल के वर्षों में SAF उत्पादन तकनीक में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। SAF में पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 80 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता है। इस अवसर पर इंडियन ऑयल के अध्यक्ष एस एम वैद्य, एयरएशिया के प्रबंध निदेशक आलोक सिंह और एयर एशिया के प्रबंध निदेशक आलोक सिंह भी उपस्थित थे।