पणजी: संजीवनी चीनी मिल के अस्तित्व बनाएं रखने के लिए सरकार से अनुरोध करते हुए, सुंगेम के गन्ना किसानों ने दावा किया कि, मिल पर न केवल गन्ना किसान निर्भर हैं, बल्क़ि ट्रैक्टर और ट्रक मालिकों, मजदूरों, ड्राइवरों, आदि हजारों लोगों की आजीविका भी मिल पर निर्भर है। वादेम-सुंगेम में आयोजित बैठक में, किसानों ने सरकार से मिल के बारे में अपना रुख साफ करने का आग्रह किया। उन्होंने सरकार से मिल को जीवित रखने के लिए योजना पर काम करने को कहा।
हालांकि, साल दर साल हो रहें करोड़ों रुपयों के नुकसान के कारण मिल के बंद होने की चर्चा हो रही है, लेकिन किसानों ने राज्य सरकार से मिल का अस्तित्व बनाएं रखने का अनुरोध किया। किसानों ने यह बैठक प्रशासक के हालिया बयान के मद्देनजर आयोजित की गई थी, जिसमें कहा था की, सरकार ने मिल को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की है। बाद में, सरकार ने प्रशासक के बयान से पल्ला झाड़ लिया था और कहा की, मिल को बंद करने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शेतकारी संगठन के उपाध्यक्ष हर्षद प्रभुदेसाई ने दावा किया कि, एक तरफ सरकार किसानों से गन्ने की खेती को दोगुना करने का आग्रह करती है, दूसरी तरफ मिल को बंद करने के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा, आज तक किसान लगातार सरकार की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं। पिछले सीजन में सरकार द्वारा नामित मिल को आपूर्ति किए गए गन्ने का भुगतान करने में विफल रही है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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