पलवल: यहां की सहकारी चीनी मिल को 12 करोड़ रुपये की भारी लागत से अपग्रेड किये जाने के बावजूद अब तक यह पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत चीनी उत्पादन भी नहीं कर पायी है। इसकी वजह से किसानों ने मिल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मामले की जांच कराने की मांग के साथ क्रमिक अनशन शुरू किया है।
बता दें कि पलवल की सहकारी चीनी मिल एक महीना पहले चालू हो गई थी, लेकिन अपनी “सुस्त” रफ्तार के चलते यह पिछले सीजन के मुकाबले अब तक 10 फीसदी से भी कम चीनी का उत्पादन कर पायी है। किसान संगठनों का सवाल है कि 12 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किये जाने के बावजूद मिल प्रतिदिन 22,000 टन गन्ना पेराई का लक्ष्य हासिल क्यों नहीं कर पा रही।
Tribuneindia.com के मुताबिक मिल में परिचालन 12 दिसंबर को शुरू हुआ और अब तक इसने 1.87 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है जो पिछले सीजन (2018-19) की समान अवधि में 8.70 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का 21.5 प्रतिशत है। इस सीजन में मिल ने अब तक 7,800 क्विंटल चीनी उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष समान अवधि में उत्पादित कुल 82,185 क्विंटल चीनी का 9.49 प्रतिशत है। चीनी रिकवरी भी इस बार घटकर 7.92 प्रतिशत रह गई जो पिछले सीजन में 9.84 प्रतिशत थी। इसकी मुख्य वजह परिचालन चालू होने के तुरंत बाद मिल में आई खराबी को बताया गया है, जिसके बाद करीब 417 घंटे के लिए काम रोक दिया गया था।
किसानों का सवाल है कि करोड़ों रुपये की लागत से अपग्रेड होने के बाद भी मिल में यह खराबी कैसे आई कि इसे 417 घंटे बंद रखना पड़ा, जबकि पिछले साल 78.3 घंटों के लिए काम रोका गया था। किसान यूनियन ने मिल पर भ्रष्टाचार और गन्ना किसानों को परेशान करने के आरोप लगाते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा गन्ना खरीद में देरी के लिए किसानों को मुआवजा देने की मांग के साथ धरना शुरू किया है। बीकेयू नेता रतन सिंह सोरोत ने कहा कि किसानों का क्रमिक अनशन जारी है। उधर, मिल के एमडी नरेश कुमार ने दावा किया कि मिल ने गति पकड़ ली है तथा इस सीजन में 29 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य जल्द ही हासिल कर लिया जाएगा।
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