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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में शुक्रवार को अपनी सरकार का पहला बजट पेश किया जिसमें किसानों का कर्ज माफ करने और बिजली बिल आधा करने जैसी कुछ लोकलुभावन घोषणाएं की गयी हैं।
बघेल के पास वित्त विभाग भी है। उन्होंने 2019-20 के बजट में 90,910 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया है। बघेल ने राज्य के राजस्व को जनता की गाढ़ी कमाई से एकत्रित संसाधन बताते हुए कहा कि इसका एक-एक पाई का उपयोग जनता की भलाई में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार ने कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदलकर कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग करने की घोषणा की।
किसानों के कल्याण की योजनाओं के लिए इस वर्ष 21 हजार 597 करोड़ रूपए का कृषि बजट तैयार किया गया है।
उन्होंने बजट भाषण में ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंकों से बांटे गए ऋण के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंकों द्वारा बांटे गए लगभग चार हजार करोड़ रूपए के अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे अब तक कुल मिला कर लगभग 10 हजार करोड़ रूपए के अल्पकालीन कृषि ऋण की माफी होगी और इससे लगभग 20 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
बजट घोषणा से लगभग चार लाख ऐसे ऋणी किसान भी लाभांवित होंगे जो बकाया धन चुकता न कर पाने के कारण बैंकों से ऋण नहीं ले पा रहे थे और निजी साहूकार एवं सूदखोरों से कर्ज लेने के लिए विवश थे। कृषि ऋण की माफी के लिए बजट में पांच हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में उत्पादित खाद्य-पदार्थ, फल-फूल एवं सब्जियों के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित कर किसानों के लिए अधिक आय एवं रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से प्रथमतः पांच नए फूड पार्क प्रारंभ करने के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में कुपोषण से मुक्ति और खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने गरीब परिवारों को प्रति राशन कार्ड 35 किलो चावल वितरित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना में चार हजार करोड़ रूपए का बजट प्रावधान है।
बघेल ने बताया कि घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल हाफ करने की दृष्टि से विद्युत देयकों में 400 यूनिट तक विद्युत व्यय-भार पर आधी छूट का लाभ सभी घरेलू उपभोक्ताओं को देने का निर्णय लिया गया है। इस छूट का
लाभ एक मार्च 2019 से दिया जाएगा और उपभोक्ताओं को अप्रैल माह में मिलने वाले बिजली बिल पर आधी छूट का लाभ मिलेगा। इसके लिए बजट में 400 करोड़ रूपए का नवीन मद में प्रावधान किया गया है।
जनप्रतिनिधियों को उनके विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए अधिक जवाबदेही के साथ काम करने का अवसर देने के उद्देश्य से विधायक निधि की राशि एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रूपए करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बजट में 182 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य में वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि होने पर क्षतिपूर्ति की राशि चार लाख से बढ़ाकर छह लाख रूपए करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बजट में 35 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अनुदान राशि को 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बजट में 19 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। वहीं कामकाजी महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक संभाग में एक कामकाजी महिला आवास गृह बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए बजट में छह करोड़ 75 लाख रूपए का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बालोद जिले में महिला महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। 25 महाविद्यालयों में नवीन संकाय और 25 महाविद्यालयों में स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। इसके लिए बजट में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। राज्य सरकार ने महाविद्यालयों में 27 विषयों में रिक्त सहायक प्राध्यापकों के एक हजार 384 पदों पर भर्ती करने का फैसला किया है।
बघेल ने बताया कि राज्य में दिव्यांगजनों को विवाह के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि 50 हजार रूपए से बढ़ाकर एक लाख रूपए की जाएगी। वहीं नशापान की कुरीति को समाप्त करने के लिए नई योजना प्रारंभ की जाएगी। इसके तहत जन जागरण अभियान चलाकर नशाबंदी के लिए सर्व सहमति का वातावरण बनाया जाएगी। मदिरा की अवैध बिक्री की रोकथाम के लिए सरगुजा और दुर्ग में नवीन संभागीय उड़नदस्तों का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित योजनाओं और अस्पतालों की व्यवस्था का हमने परीक्षण किया है। हमारा मानना है कि राज्य में वर्तमान में लागू स्वास्थ्य योजनाओं के प्रावधान तथा परिणाम संतोषप्रद नहीं है। यूनिवर्सल हेल्थ केयर की अवधारणा के अनुरूप आगामी वर्ष से बेहतर व्यवस्था वाली स्वास्थ्य योजनाओं को लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 25 उपस्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालय गरियाबंद के 100 बिस्तर अस्पताल के भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए बजट में छह करोड़ 10 लाख रूपए का प्रावधान है। वहीं चिकित्सा महाविद्यालय बिलासपुर और जगदलपुर में मल्टी सुपरस्पेश्लिटी चिकित्सालय की स्थापना की जाएगी। इसके लिए बजट में 22 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
बघेल ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में पेयजल की गुणवत्ता परीक्षण के लिए सभी संभागों में प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। इसके लिए बजट में 11 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीएल उपभोक्ताओं को निःशुल्क घरेलू जल कनेक्शन देने के लिए मिनीमाता अमृत नल-जल योजना शुरू की जाएगी। योजना के तहत पांच लाख 30 हजार ग्रामीण बीपीएल परिवारों को घरेलू कनेक्शन देने का लक्ष्य है। इसके लिए बजट में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान है।
बजट में नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्यों के लिए 371 करोड़ रूपए, सबके लिए आवास योजना के लिए 595 करोड़ रूपए, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 396 करोड़ रूपए और अमृत मिशन योजना के लिए 231 करोड़ रूपए का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सभी नदियों और नालों पर पुल निर्माण की नवीन योजना जवाहर सेतु योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का प्रावधान है। इससे 438 करोड़ रूपए के 102 पुलों का निर्माण प्रारंभ किया जाएगा।
कानून-व्यवस्था और जान-माल की रक्षा संबंधी मामलों में त्वरित कार्यवाही करने के लिए पुलिस विभाग में जिला कार्यपालिक बल के आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर तक के अमले को रिस्पांस-भत्ता दिया जाएगा। इसके लिए बजट में 45 करोड़ 84 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। पुलिस बल की विभिन्न शाखाओं में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए दो हजार नवीन पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।
बघेल ने बताया कि वर्ष 2019-20 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 36 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिए 44 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 20 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि बजट में कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ से प्रेरित हमारी सरकार की दृढ इच्छा शक्ति और बजट के ठोस प्रावधानों से छत्तीसगढ़ में प्रगति और खुशहाली का एक नया अध्याय आरंभ होगा।
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