चीन अफगानिस्तान में गैस, तेल क्षेत्रों में निवेश करने को उत्सुक

काबुल : टोलो न्यूज ने तालिबान के हवाले से खबर दी है कि, चीन अफगानिस्तान में गैस और तेल क्षेत्रों में निवेश करना चाहता है। खान और पेट्रोलियम मंत्रालय (एमओएमपी) के प्रवक्ता, हुमायून अफगान ने कहा कि उन्होंने निवेशकों के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की हैं।उन्होंने निवेशकों को धन्यवाद दिया और कहा कि अफगानिस्तान गैस और तेल से समृद्ध है और उम्मीद है कि निकट भविष्य में कुछ क्षेत्रों में गैस और तेल निकालने की घोषणा की जाएगी।

टोलो न्यूज ने बताया कि, इससे पहले जनवरी में, तालिबान ने अमु दरिया बेसिन से तेल निकालने के लिए एक चीनी कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। तालिबान की तरफ से दावा किया जा रहा है कि, काबुल की अर्थव्यवस्था में सुधार करने की कोशिश के तहत यह कदम उठाये जा रहे है।चीन और तालिबान ने इस्लामिक अमीरात के वरिष्ठ सदस्यों और चीनी राजदूत वांग यी की उपस्थिति में एक समारोह में समझौते पर हस्ताक्षर किए।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, खान और पेट्रोलियम मंत्री शहाबुद्दीन दिलावर ने कहा कि पहले तीन साल खोजपूर्ण होंगे और इस अवधि में 540 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक का निवेश किया जाएगा। इस बीच, अफगानिस्तान चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड माइंस (ACIM) ने कहा कि राष्ट्रीय आय में वृद्धि और नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए विदेशी निवेश महत्वपूर्ण है।अफगानिस्तान चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड माइंस (एसीआईएम) के उप प्रमुख साखी अहमद पेमैन ने कहा, यह चीनी कंपनियों और अफगानिस्तान के लिए भी एक अच्छा अवसर है।

उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय ने बताया था कि, इससे पहले पूर्व सरकार के पतन के बाद चीन ने अफगानिस्तान में 2 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश और अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।जबकि किसी भी देश ने आधिकारिक तौर पर तालिबान को मान्यता नहीं दी है, चीन का इस क्षेत्र में पर्याप्त निवेश है। अफगानिस्तान निवेश की तलाश कर रहा है।

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