नई दिल्ली: गुरूवार को भारत-चीन व्यापार बैठक के मौके पर, चीन ने भारत के साथ 50,000 टन कच्ची चीनी खरीदने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
कोजेंसिस के मुताबिक, धामपुर चीनी मिल चीन में चार रिफाइनरियों को मात्रा का निर्यात करेगी। 2019-20 चीनी सीजन में चीन में 10 मिलियन टन चीनी उत्पादन होने की संभावना है, जबकि उनकी वार्षिक खपत 15 मिलियन टन है। चीन के पास इस साल (2019-20) 5 मिलियन टन चीनी की कमी है। इंडोनेशिया के बाद, चीन दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा आयातक है।
हालही में, महाराष्ट्र के चीनी मिलों ने 20,000 मीट्रिक टन के चीनी निर्यात के लिए श्रीलंका, यमन और सोमालिया में व्यापार सौदों पर हस्ताक्षर किए थे।
देश चीनी अधिशेष से जूझ रहा है और इसलिए सरकार का मकसद चीनी निर्यात को बढ़ावा देना है। इसी के चलते 28 अगस्त को सरकार ने सीजन 2019-2020 के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात पर आर्थिक मदद देने का फैसला किया था। MAEQ कोटा का न्युनतम 50 प्रतिशत माल निर्यात करने के लिए चीनी मिलें जुट चुकी है, क्यूंकि इससे सरकार के तरफ से आर्थिक मदद मिलने में आसानी होगी। मिलों को आर्थिक मदद पाने के लिए MAEQ कोटा का न्यूनतम 50 प्रतिशत माल निर्यात करना होगा, तभी उन्हें 10,448 रूपये प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से आर्थिक मदद मिलेगी।
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