गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में बंद पड़ी चीनी मिलों को खोलने का कार्य राज्य सरकार कर रही है, जिससे गन्ना किसानों को फायदा होगा और साथ ही साथ रोजगार भी उपलब्ध होंगे। इसमें से पिपराइच और मुंडेरवा चीनी मिल के साथ इनके खुलने का सिलसिला शुरू हुआ है।
गौरतलब है कि गत 15 साल गन्ना किसानों के लिए भारी रहा। इस दौरान उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें घड़ाधड़ धराशायी होती गईं। गोरखपुर जिले में सरदारनगर, धुरियापार, महराजगंज जिले में आनंदनगर, घुघली, गड़ौरा, कुशीनगर जिले में रामकोला, छितौनी, लक्ष्मीगंज, पडरौना, कठकुईया, देवरिया जिले में गौरीबाजार, बैतालपुर, देवरिया, भटनी, बस्ती जिले में बस्ती, वाल्टरगंज, संतकबीरनगर जिले में खलीलाबाद चीनी मिलों में ताला लगे।
उतर प्रदेश सरकार के पुनर्जीवन कार्यक्रम में रमाला चीनी मिल के साथ दस वर्ष से बंद पड़ी सहारनपुर, बुलंदशहर, चंदौसी व मेरठ की चीनी मिलों को शुरु किया गया। राज्य की दर्जनों चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाई गई।
कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंडेरवा चीनी मिल का उद्घाटन किया और कहा की कि मुण्डेरवा चीनी मिल को-जन प्लान्ट एंव सल्फर लेस शुगर प्लान्ट की स्थापना हेतु रू 438.87 करोड़ की परियोजना शासन द्वारा स्वीकृत की गयी है, जिसमें प्रथम चरण में शासन की वित्तीय सहायता से रू 366.04 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक 5000 टी.सी.डी. (7500 टी.सी.डी. तक विस्तारीकरण योग्य) क्षमता की नई चीनी मिल मय 27 मेगावाट को-जन प्लान्ट की स्थापना की गयी है। योगी की घोषणा के अनुरूप मुण्डेरवा में रिफाइण्ड-सल्फर लेस शुगर प्लान्ट भी लगाया जायेगा, जिसमें सल्फर रहित अच्छी गुणवत्ता की चीनी का निर्माण होगा।
उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा गन्ना किसानों की आमदनी बढ़ाने तथा उनको त्वरित गन्ना मूल्य का भुगतान किये जाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा अनेकों योजनायें चलायी जा रही है। उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा पिछले दो वर्षो में 76 हजार करोड़ गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को किया गया है। इससे किसानों की उम्मीदों को नये पंख लगे है तथा किसानों में निरन्तर खुशहाली आ रही है।
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