कोयला मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अप्रैल 2023 से 25 दिसंबर, 2023 तक कोयला उत्पादन संचयी रूप से 664.37 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया है, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12.29% की बढ़िया वृद्धि है। पिछले वर्ष की अवधि में यह उत्पादन 591.64 एमटी रहा था।
कोयला प्रेषण की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल 2023 से 25 दिसंबर, 2023 तक इसकी संचयी आपूर्ति 692.84 एमटी रही, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के यह 622.40 एमटी थी। यानी ये 11.32% की उल्लेखनीय वृद्धि है। इस बढ़ोतरी से विद्युत क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए निरंतर और सुदृढ़ कोयला आपूर्ति सुनिश्चित होती है।
इसके अलावा, अप्रैल 2023 से 25 दिसंबर, 2023 तक विद्युत क्षेत्र को कुल कोयला प्रेषण, 8.39% की प्रभावशाली बढ़ोतरी के साथ 577.11 एमटी तक पहुंच गया। वहीं पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह प्रेषण 532.43 एमटी था।
25.12. 2023 तक खदानों, थर्मल पावर प्लांट (डीसीबी), पारगमन आदि सहित कुल कोयला स्टॉक उपलब्धता 91.05 एमटी तक पहुंच गई, जो 25.12.22 की 74.90 एमटी उपलब्धता से 21.57% की सराहनीय बढ़ोतरी है। इसके अलावा, 25.12.23 को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में पिटहेड कोयला स्टॉक 47.29 एमटी मात्रा में हैं, जो 25.12.22 को 30.88 एमटी की कोयला स्टॉक उपलब्धता के मुकाबले 53.02% की उल्लेखनीय वृद्धि है।
कोयला मंत्रालय देश में बढ़ती ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयले की आपूर्ति का भरोसा दिलाता है। थर्मल पावर प्लांट्स (टीपीपी) को कुशल कोयला आपूर्ति के चलते कई पिटहेड पर कोयला स्टॉक का स्तर मजबूत हुआ है, जो देश भर में निर्बाध वितरण सुनिश्चित करने में कोयला आपूर्ति श्रृंखला की प्रभावशीलता को दिखाता है।
यह ऊंची कोयला स्टॉक उपलब्धता, पर्याप्त कोयला आपूर्ति बनाए रखने में कोयला मंत्रालय की प्रतिबद्धता दर्शाती है। यह विद्युत क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रभावी स्टॉक प्रबंधन रणनीतियों और परिचालन दक्षता और निरंतर कोयला आपूर्ति को रेखांकित करती है।
इसके अलावा, कोयला परिवहन के लिए जरूरी कोयला रेक की बेरोक उपलब्धता, एक सुचारु निकासी प्रक्रिया सुनिश्चित करती है। यह परिवहन में बाधाओं को प्रभावी ढंग से दूर करती है और निर्बाध कोयला आपूर्ति की गारंटी देती है।
सभी परिचालनों की निरंतर और व्यापक निगरानी और मूल्यांकन की प्रतिबद्धता के साथ, कोयला मंत्रालय इस प्रभावशाली वृद्धि में खासा महत्वपूर्ण योगदान देता है। मंत्रालय अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति को अपनाकर एक विश्वसनीय और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रति अपने समर्पण में अटल खड़ा है, और आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
(Source: PIB)