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नयी दिल्ली, 18 जून: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपी का गन्ना बैल्ट कही जाने वाली पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जल स्तर घटने से सूखे की स्थितियाँ सामने आ रही है, इससे गन्ने के प्रति हैक्टेयर उत्पादन में कमी हो रही है जो चिन्ताजनक है। राजधानी दिल्ली में केन्द्रीय जल़शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से मुलाक़ात करने से बाद मीडिया से बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश में सूखा क्षेत्र की समस्या के बारे में अवगत करवा गया है साथ ही पश्चिमी यूपी में सूखे की सम्मस्या के निजात के लिए वित्तीय मदद देने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी यूपी में पुरानी नदियों का पानी रास्ते में रोककर कटबंध लगाने की शिकायतें मिल रही है तथा कई जगह नदियो का बहाव गाद से अवरुद्ध है इसलिए गन्ना किसानों के खेतों तक पानी नहीं जाता है और सिंचाई प्रभावित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते तापमान के कारण भूजल नीचे जा रहा है और सूखे की स्थिति सामने आ रही है। इससें गर्मी में गन्ने की फ़सल को समुचित पानी की आपूर्ति नहीं होने से उत्पादन घटने के अलावा गन्ने की मिठास पर भी असर पड़ रहा है जिससे बाज़ार में गन्ने के दाम सही नहीं मिल रहे वही उत्पादित चीनी के गुणवत्ता मानक में भी कमी की शिकायतें आ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 30 से भी अधिक जिले गन्ना उत्पादक जिले है जहाँ नहरीकरण के बढावा देने के साथ अवरुद्ध नहरों को फिर से शुरु किए जाने की जरूरत है। इसलिये आज गजेन्द्र सिंह जी से मिलकर नहरों से पुनरोद्दार के लिए वित्तीय राशि की माँग की गयी है। जल्द ही डीपीआर रिपोर्ट बनाकर केन्द्र को भेजी जाएगी। बड़ी नगरों से छोटी नहरों को जोडकर गन्ना किसानो के खेत तक पानी ले जाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखा पड़ने की स्थिति में गन्ना किसानो पर दोहरी मार पड़ती है, इसलिए केन्द्र सरकार को इस दिशा में तेज़ी से काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सूखा घोषित क्षेत्रों में फसल क्षति की सीमा को 33 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत करने की भी केन्द्र से माँग की है।