हापुड़ : सिंभावली चीनी मिल ग्रुप में आईआरपी गठन के बाद से किसानों में भुगतान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं।अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, सिंभावली मिल ने 15 जनवरी तक का भुगतान कर दिया है। शनिवार को ब्रजनाथपुर मिल ने 53 लाख रुपये दिए हैं। मिल प्रबंधन ने करीब 15 साल पहले हजारों किसानों के नाम पर करोड़ों रुपये का ऋण निकाल लिया था। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी।
इसके अलावा बैंकों से अलग से भी करीब 900 करोड़ का ऋण लिया था। जिसके बाद से बैंक मिल को दिवालिया घोषित कराने की मांग कर रहे थे। न्यायालय के आदेश पर सिंभावली चीनी मिल की प्रबंध समिति को निलंबित कर दिया गया है।किसानों ने भुगतान की मांग को लेकर चीनी मिल के बाहर धरना दिया, दूसरी ओर कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। मिल से बिक्री होने वाली चीनी का 85 फीसदी पैसा किसानों के भुगतान में दिया जाएगा, जिसके अनुसार ही अब तक भुगतान हो रहा है।जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान ने कहा कि, जिले के किसानों का भुगतान जारी रहेगा। ब्रजनाथपुर मिल ने शनिवार को ही 53 लाख का भुगतान किया है। सिंभावली मिल भी 15 जनवरी तक का भुगतान कर चुका है। मिल के प्रकरण के संबंध में कार्यालय को कोई आदेश पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।