पटना : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नवादा में प्रधानमंत्री की रैली से पहले उनसे बिहार पर सवाल पूछे। रमेश ने कहा, जब 2014 के चुनाव से पहले पीएम ने नवादा का दौरा किया था, तो उन्होंने वारिसलीगंज चीनी मिल का मुद्दा उठाया था और इससे हजारों स्थानीय लोगों की उम्मीदें बढ़ गई थी, क्योंकि अपने सुनहरे दिनों में, मिल ने सीधे तौर पर 1,200 श्रमिकों को रोजगार दिया था।
रमेश ने कहा, नवादा के दोनों भाजपा सांसदों, गिरिराज सिंह (2014) और चंदन सिंह (2019) ने भी इसे शुरू करने का वादा किया था।दस साल बाद, वे सभी वादे खोखले साबित हुए हैं।रमेश ने पूछा, इस बार पीएम को नवादा के लोगों को जवाब देना चाहिए कि वारिसलीगंज चीनी मिल पिछले दस वर्षों से बंद क्यों है।
उन्होंने आरोप लगाया, हमारे संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भाजपा के सम्मान की कमी को देखते हुए, कोई भी सरकार उनके राजनीतिक हथकंडों से सुरक्षित नहीं है। रमेश ने दावा किया कि, हाल के वर्षों में बिहार में सार्वजनिक शिक्षा की स्थिति बद से बदतर हो गई है। उन्होंने दावा किया कि हजारों शिक्षक और सेवानिवृत्त कॉलेज कर्मचारी गुस्से में हैं क्योंकि उन्हें उनके बकाये का भुगतान नहीं किया गया है। रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी से इन मुद्दों पर अपनी चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया।