नई दिल्ली, 10 जनवरी वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने वृहस्पतिवार को कहा कि कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार राज्यों को परिवहन सब्सिडी देने के बारे में विचार कर रही है।
मौजूदा समय में, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य ही कुल लागत के 90 प्रतिशत तक परिवहन सब्सिडी के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि यहां व्यापार विकास और संवर्धन परिषद (सीटीडीपी) की बैठक में कई अन्य मामलों के साथ परिवहन सब्सिडी प्रदान करने के मुद्दे पर चर्चा की गई।
बैठक में कर्नाटक, पंजाब और तमिलनाडु सहित कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रभु ने यहां संवाददाताओं से कहा, “राज्यों को थोड़ी परिवहन सब्सिडी प्रदान करने के बारे में सक्रियता के साथ विचार किया जा रहा है ताकि पर्याप्त रूप से कृषि निर्यात हो सके। हमें कुछ औपचारिकताओं को पूरा होने का इंतजार है।”
ऐसी योजनाओं के तहत, एक निश्चित अवधि के लिए कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। सरकार ने हाल ही में वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को दोगुना बढ़ाकर 60 अरब डॉलर करने के ध्येय के साथ एक कृषि निर्यात नीति को मंजूरी प्रदान की। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों ने निर्यात संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार से संबंधित मुद्दों को उठाया।
उन्होंने कहा, “हमने उस बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। हम इसके बिना कृषि निर्यात नहीं कर सकते।”
निर्यातकों की रिण संबंधी समस्या के बारे में उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवा सचिव इस मुद्दे पर बैंकों और निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ बैठक करेंगे।
प्रभु ने कहा कि निर्यातकों को ऋण देने को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रिण के बतौर समझा जाना चाहिए क्योंकि हाल के दिनों में उनके वित्तपोषण में भारी गिरावट आई है।
विभिन्न रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि निर्यातकों को ऋण की मात्रा लगभग आधी हो गयी है।
इस बीच, सीटीडीपी की बैठक में बोलते हुए, प्रभु ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सेवाओं और जैविक कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देकर वैश्विक मूल्य और आपूर्ति श्रृंखला के दोहन के सभी संभावित तरीकों को खोजने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “यह न केवल देश की जीडीपी में वृद्धि करेगा, बल्कि अधिक से अधिक रोजगार भी पैदा करेगा।”
बैठक में अरुणाचल प्रदेश, असम, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, पंजाब, नागालैंड, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मंत्रियों ने भाग लिया। बैठक में वाणिज्य, वित्त, जहाजरानी, नागरिक उड्डयन, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सहित विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
अप्रैल-अक्टूबर 2018-19 के दौरान, कृषि निर्यात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 43.11 अरब अमरीकी डॉलर के मुकाबले 48 अरब डॉलर का हुआ है।
निर्यात को बढ़ावा देने से किसी देश को रोजगार सृजित करने, विनिर्माण को बढ़ावा देने और अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलती है।