सहारनपुर : उत्तर प्रदेश में चीनी, एथेनोल के बाद अब बायो सीएनजी उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार बायो सीएनजी उत्पादन बढ़ाने के लिए कम्पनीयों प्रोत्साहित कर रही है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, सहारनपुर में फसल अवशेष, गोबर और शुगर मिलों की मैली से बायो सीएनजी (कम्प्रेस्ड बायो गैस) और जैविक खाद तैयार करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए जनपद में तीन इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। इनमें गंगोह विकास खंड के गांव इस्सेपुर में सेवोजोन एनर्जी एंड फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड की इकाई का निर्माण कार्य 15 फीसदी से जादा हो चुका है। इसके मार्च 2024 तक शुरू होने की संभावना है।
इस परियोजनाओं के चलते न सिर्फ फसल अवशेष को जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगेगा, बल्कि किसान फसल अवशेष को इन इकाइयों को बेचकर आय भी प्राप्त कर सकेंगे। इन इकाइयों में उत्पादित बायो सीएनजी एक सरकारी तेल कंपनी को सहारनपुर, शामली और करनाल में बिक्री के लिए दी जाएगी और जैविक खाद को किसानों को बेचा जाएगा। इन इकाइयों में पोटाश, एनपीके डीएपी आदि जैविक खाद तैयार की जाएगी।सेवोजोन एनर्जी एवं फर्टिलाइजर कम्पनी के निदेशक अमित राणा ने कहा कि, कंपनी बायो सीएनजी की एक इकाई स्थापित करने के लिए बेहट क्षेत्र में जमीन तलाश रही है। जबकि शामली के बुटराडा और ऊन में इकाई लगाने के लिए भूमि खरीद ली है। एक अन्य कंपनी की एक इकाई सढ़ोली हरिया में निर्माणाधीन है।