नई दिल्ली : इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने बुधवार को कहा कि, चीनी मिलों ने सितंबर में समाप्त 2020-21 के विपणन वर्ष में अब तक 4.3 मिलियन टन चीनी निर्यात करने का अनुबंध किया है। केंद्र सरकार ने अधिशेष चीनी की समस्या खत्म करने के लिए 2020-21 विपणन वर्ष के दौरान 6 मिलियन टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने एक बयान में कहा, ‘लगभग 4.3 मिलियन टन निर्यात पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। यह अनुबंध सरकार द्वारा 31 दिसंबर, 2020 को निर्यात कोटा आवंटित किए जाने के बाद से सिर्फ ढाई महीने में हस्ताक्षर किए गए हैं।”
बंदरगाहों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले विपणन वर्ष के दौरान आवंटित कोटा के मुकाबले अक्टूबर-दिसंबर 2020 के बीच 3,18,000 टन चीनी का निर्यात किया गया था। ‘इस्मा’ ने कहा कि, चालू वर्ष के लिए आवंटित किए गए शिपमेंट कोटा के मुकाबले इस साल जनवरी से मार्च के बीच लगभग 2.2 मिलियन टन निर्यात की उम्मीद है। निर्यात कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए, सरकार ने चालू 2020-21 विपणन वर्ष के लिए MAEQ और घरेलू कोटा के बीच स्वैप की अनुमति दी है, जिसे मिलरों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश में चीनी उत्पादन 15 मार्च तक 25.86 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 21.61 मिलियन टन था। महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 9.4 मिलियन टन, उत्तर प्रदेश में 8.42 मिलियन टन और कर्नाटक में 4.13 मिलियन टन तक पहुंच गया है।