नैरोबी (केन्या): केन्या में सरकार द्वारा चीनी आयात की अनुमति दिये जाने से गन्ना किसान बेहद नाराज़ हैं तथा उन्होंने सरकार से कुछ कंपनियों को चीनी आयात का लाइसेंस दिये जाने संबंधी आरोपों की जांच कराने की मांग की है।
केन्या शुगरकेन ग्रोअर्स एसोसिएशन के महासचिव रिचर्ड ओगेंडो ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कृषि मंत्रालय द्वारा 50,000 टन चीनी के आयात की अनुमति दिये जाने की खबर चिंताजनक है। स्थानीय चीनी आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है तथा अब और आयातकों को लाइसेंस देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कृषि एवं पशुधन मामलों के कैबिनेट मंत्री मेवांगी किंजुरी पर चीनी उद्योग को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को विफल करने का आरोप लगाया और कहा कि कृषि मंत्रालय ने चीनी निदेशालय के माध्यम से चीनी आयातकों को बड़ी संख्या में आयात के लाइसेंस जारी किए हैं। एसोसिएशन ने आंतरिक मामलों के कैबिनेट मंत्री फ्रेड मतिआंगी से इस मामले की तुरंत जांच कराने की मांग की।
उन्होंने दावा किया कि कृषि मंत्रालय ने लगातार आयात को प्रोत्साहित करके चीनी उद्योग के पुनरुद्धार का बंटाधार कर दिया है। देश के किसान जानना चाहते हैं कि जब सरकार सार्वजनिक चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है तो ऐसा क्यों किया जा रहा है और इस सब के पीछे कौन है। उन्होंने कहा कि किंजुरी ने देश के किसानों का विश्वास खो दिया है और उन्हें मंत्री पद छोड़ देना चाहिए। ओगेंडो ने इस मामले को लेकर अदालत में जाने की चेतावनी भी दी।
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