मुंबई : चीनी मंडी
महाराष्ट्र के सहकारी चीनी मिलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लगभग 800 करोड़ रुपये की सरकारी बकाया राशि भुगतान करने के लिए उनके हस्तक्षेप करने की मांग की है।
महाराष्ट्र फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ के चेयरमैन जयप्रकाश दांडेगांवकर ने अपने पत्र में मिलों की तरलता में सुधार के लिए बकाया राशि का जल्द भुगतान करने की मांग की है। अपने पत्र में, दांडेगांवकर ने कहा कि, बफर स्टॉक और चीनी मिलों द्वारा 2018-19 और 2019-20 सीजन में निर्यात किये चीनी से सम्बंधित बकाया बाकि है।
पत्र में कहा गया है कि, चीनी मिलों को तरलता की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसका मुख्य कारण चीनी की वर्तमान न्यूनतम बिक्री मूल्य 3,100 रुपये प्रति क्विंटल है। MSP 3,100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित होने के कारण 350 रुपये प्रति क्विंटल के नुकसान पर चीनी की बिक्री जारी है। हमारा उद्योग बार-बार चीनी के विभिन्न ग्रेडों के लिए स्टेप-वाइज वृद्धि के साथ-साथ 3,450 रुपये प्रति क्विंटल तक MSP वृद्धि का अनुरोध कर रहा है। लेकिन सरकार ने अबतक इस पर फैसला नही लिया है।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने चीनी की बिक्री को लगभग ठप कर दिया है, क्योंकि सभी मिठाई की दुकानों, आइसक्रीम निर्माताओं और कोल्ड ड्रिंक निर्माताओं ने चीनी की खरीद बंद कर दी है। इससे चीनी मिलों के लिए नकदी प्रवाह का संकट खडा कर दिया है, जिसके कारण किसानों को गन्ना बकाया चुकाने में भी दिक्कतें आ रही है।
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